"जितपद्मा": अवतरणों में अंतर
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*[[लक्ष्मण]] ने [[मध्यप्रदेश]] में [[क्षेत्रांजलिपुर]] के राजा के विषय में सुना कि जो उसकी शक्ति को सह लेगा, उसी से वह अपनी कन्या का विवाह कर देगा। लक्ष्मण ने भाई की अनुज्ञा मानकर राजा से प्रहार करने को कहा। शक्ति सहकर उसने शत्रुदमन राजा की कन्या जितपद्मा को प्राप्त किया। जितपद्मा को समझा-बुझाकर राम, [[सीता]] तथा लक्ष्मण नगर से चले गये।<ref>पउम चरित से</ref> | *[[लक्ष्मण]] ने [[मध्यप्रदेश]] में [[क्षेत्रांजलिपुर]] के राजा के विषय में सुना कि जो उसकी शक्ति को सह लेगा, उसी से वह अपनी कन्या का विवाह कर देगा। लक्ष्मण ने भाई की अनुज्ञा मानकर राजा से प्रहार करने को कहा। शक्ति सहकर उसने शत्रुदमन राजा की कन्या जितपद्मा को प्राप्त किया। जितपद्मा को समझा-बुझाकर राम, [[सीता]] तथा लक्ष्मण नगर से चले गये।<ref>पउम चरित से</ref> | ||
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12:19, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- लक्ष्मण ने मध्यप्रदेश में क्षेत्रांजलिपुर के राजा के विषय में सुना कि जो उसकी शक्ति को सह लेगा, उसी से वह अपनी कन्या का विवाह कर देगा। लक्ष्मण ने भाई की अनुज्ञा मानकर राजा से प्रहार करने को कहा। शक्ति सहकर उसने शत्रुदमन राजा की कन्या जितपद्मा को प्राप्त किया। जितपद्मा को समझा-बुझाकर राम, सीता तथा लक्ष्मण नगर से चले गये।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पउम चरित से