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*यह [[संस्कृत]] ग्रंथ है।  
*यह प्राचीन [[संस्कृत]] ग्रंथ है।  
*ग्यारहवीं शती ई. में पदमगुप्त परिमल द्वारा रचित इस ग्रंथ से [[परमार वंश]], सिंधुराज नवसाहसांक के इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है।  
*ग्यारहवीं शती ई. में पदमगुप्त परिमल द्वारा रचित इस ग्रंथ से [[परमार वंश]], सिंधुराज नवसाहसांक के इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है।  
*इस ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।
*इस ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।

12:28, 21 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • यह प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है।
  • ग्यारहवीं शती ई. में पदमगुप्त परिमल द्वारा रचित इस ग्रंथ से परमार वंश, सिंधुराज नवसाहसांक के इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है।
  • इस ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।


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