"महामृत्युंजय मन्त्र": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (1 अवतरण) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{Incomplete}} | {{Incomplete}} | ||
==महामृत्युजय मन्त्र / Mahamratyunjaya Mantra== | ==महामृत्युजय मन्त्र / Mahamratyunjaya Mantra== | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 4: | ||
*इससे लम्बी आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु से रंक्षा हो जाती है। | *इससे लम्बी आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु से रंक्षा हो जाती है। | ||
*[[ऋग्वेद]] में यह मन्त्र इस प्रकार उपलब्ध है – | *[[ऋग्वेद]] में यह मन्त्र इस प्रकार उपलब्ध है – | ||
<poem> | <blockquote><poem> | ||
'''त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्''' | '''त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्''' | ||
''' | '''उर्वारुकमिव बन्धान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥''' | ||
</poem> | </poem></blockquote> | ||
10:06, 28 मार्च 2010 का अवतरण
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं। |
महामृत्युजय मन्त्र / Mahamratyunjaya Mantra
- महर्षि वसिष्ठ ने एक अत्यन्त महत्वपूर्ण मन्त्र की रचना की थी जो महामृत्युजय मन्त्र कहलाता है।
- इससे लम्बी आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु से रंक्षा हो जाती है।
- ऋग्वेद में यह मन्त्र इस प्रकार उपलब्ध है –
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥