"गिरिडीह पर्यटन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "खूबसूरत" to "ख़ूबसूरत") |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
}} | }} | ||
[[चित्र:Usri-Falls-Giridih.jpg|thumb|250px|[[उसरी झरना गिरिडीह|उसरी झरना]], गिरिडीह<br /> Usri Falls, Giridih]] | [[चित्र:Usri-Falls-Giridih.jpg|thumb|250px|[[उसरी झरना गिरिडीह|उसरी झरना]], गिरिडीह<br /> Usri Falls, Giridih]] | ||
गिरिडीह अपनी | गिरिडीह अपनी ख़ूबसूरती के कारण श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है। इस पहाड़ी के अलावा भी गिरिडीह में घूमने के लिए कई बेहतरीन पर्यटक स्थल है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन पर्यटक स्थलों में उसरी झरना, मधुबन, खण्डोली, हरिहर धाम और झारखंडी धाम प्रमुख हैं। जैन तीर्थंकरो की भूमि गिरिडीह [[झारखंड]] में स्थित है। आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ [[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ पहाड़ी]] बहुत ख़ूबसूरत भी है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:- | ||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== | ||
====उसरी झरना==== | ====उसरी झरना==== |
11:19, 30 नवम्बर 2010 का अवतरण
गिरिडीह | गिरिडीह पर्यटन | गिरिडीह ज़िला |
गिरिडीह अपनी ख़ूबसूरती के कारण श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है। इस पहाड़ी के अलावा भी गिरिडीह में घूमने के लिए कई बेहतरीन पर्यटक स्थल है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन पर्यटक स्थलों में उसरी झरना, मधुबन, खण्डोली, हरिहर धाम और झारखंडी धाम प्रमुख हैं। जैन तीर्थंकरो की भूमि गिरिडीह झारखंड में स्थित है। आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ पारसनाथ पहाड़ी बहुत ख़ूबसूरत भी है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-
पर्यटन स्थल
उसरी झरना
मुख्य लेख : उसरी झरना गिरिडीह
- गिरिडीह की पूर्व दिशा में 14 कि.मी. की दूरी पर उसरी झरना स्थित है।
- इस झरने की ऊँचाई लगभग 40 फीट है और यह तीन धाराओं में नीचे गिरता है।
खण्डोली
मुख्य लेख : खण्डोली गिरिडीह
- गिरिडीह का खण्डोली युवा पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद है।
- यहाँ पर उनके लिए अनेक विकल्प है।
- रोमांच पसंद पर्यटक यहाँ पर रॉक-क्लाइम्बिंग, पैरासैलिंग और कायाकिंग का आंनद ले सकते हैं।
मधुबन
मुख्य लेख : मधुबन गिरिडीह
- जैन मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध मधुबन की गिनती गिरिडीह के प्रमुख पर्यटक स्थलों में की जाती है।
- यहाँ पर 2000 वर्ष से अधिक प्राचीन जैन मन्दिरों को देखा जा सकता है।
- इन मन्दिरों में सामोशरण मन्दिर और भुमियाजी स्थान मन्दिर प्रमुख हैं।
|
|
|
|
|
संबंधित लेख