"बणावली (हरियाणा)": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "यहां" to "यहाँ")
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
*सड़कें न तो सीधी मिलती थी न तो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी।
*सड़कें न तो सीधी मिलती थी न तो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी।


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=आधार1

12:57, 10 जनवरी 2011 का अवतरण

  • हरियाणा के हिसार ज़िले में स्थित दो सांस्कृतिक अवस्थाओं के अवषेश मिले हैं।
  • हड़प्पा पूर्व एवं हड़प्पाकालीन इस स्थल की खुदाई 1973-74 ई. में 'रवीन्द्र सिंह विष्ट' के नेतृत्व में की गयी।
  • यहाँ से संस्कृति के तीन स्तर प्रकाश में आए हैं।-
  1. प्राक् सैंधव,
  2. विकसित सैंधव
  3. उत्तर सैंधव।
  • यहाँ दुर्ग तथा निचला नगर अलग-अलग न होकर एक ही प्राचीर से घिरे थे।
  • एक मकान से धावन पात्र के साक्ष्य मिले हैं जो किसी धनी सौदागार के आवास की ओर संकेत करता है।
  • एक दूसरे बड़े मकान से सोने, लजावर्द, कार्नेनियन के मनके, छोटे बटखरे मिले हैं, जिससे यह ज्ञात होता है कि यह किसी जौहरी का मक़ान रहा होगा।
  • इसके अतिरिक्त मिट्टी के बर्तन, गोलियाँ, मनके, तांबे के बाण्राग, हल की आकृति के खिलौने आदि मिले हैं।
  • बनवाली में जल निकास प्रणाली का अभाव दिखाई देता है।
  • बणावली की नगर योजना- शतरंज के बिसात या जाल के आकार की बनायी गयी थी।
  • सड़कें न तो सीधी मिलती थी न तो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख