"विम तक्षम": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{Incomplete}}" to "") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{| width="100%" | {| width="100%" | ||
[[चित्र:Vima Taktu.jpg|विम तक्षम<br /> Vima Taksham<br />[[मथुरा संग्रहालय|राजकीय संग्रहालय]], [[मथुरा]]|thumb|200px]] | [[चित्र:Vima Taktu.jpg|विम तक्षम<br /> Vima Taksham<br />[[मथुरा संग्रहालय|राजकीय संग्रहालय]], [[मथुरा]]|thumb|200px]] |
13:17, 15 दिसम्बर 2010 का अवतरण
विम तक्षम
ईसवी सन (80–105) (Ancient Chinese: 阎膏珍 Yangaozhen )
|
|
|
|
|
वीथिका
-
विम तक्षम
Vima Taktu -
विम तक्षम
Vima Taktu
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 'महरजस रजदिरजस सर्वलोग इशवरस महिश वरस विमकटफिशस ब्रदर'
'महरज रजदिरज हिमकपिशस
महरजस रजदिरजस सर्वलोग इश् वर महिश् वर विमकठफिसस ब्रदर - ↑ इसमें प्रथम तीनों शब्द भारतीय उपाधियों के सूचक हैं । 'कुषाणपुत्र' वंश का परिचायक है, कुछ लोग इस शब्द से विम को 'कुषाण' नामक राजा (कुजुल) का पुत्र मानते हैं। 'शाहि' और 'तक्षम' शब्द ईरानी हैं, प्रथम का अर्थ 'शासक' तथा दूसरे का 'बलवान 'है।
- ↑ 'देवकुल' से मन्दिर का अभिप्राय लिया जाता है। पर यहाँ इसका अर्थ 'राजाओं का प्रतिमा कक्ष' है। कुषाणों में मृत राजा की मूर्ति बनवाकर 'देवकुल 'में रखने की प्रथा थी। इस प्रकार का एक देवकुल मांट के उक्त टीले में तथा दूसरा मथुरा नगर के उत्तर में गोकर्णेश्वरमन्दिर के पास विद्यमान था। दूसरी शती में सम्राट हुविष्क के शासनकाल में मांट वाले देवकुल की मरम्मत कराई गई।