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जेजाकभुक्ति [[यमुना]] और [[नर्मदा नदी|नर्मदा नदी]] नदियों के बीच में स्थित है। इसे अब [[बुंदेलखंड]] कहते हैं। इस पर चंदेल राजाओं का शासन था। यह अब आंशिक रूप से [[उत्तर प्रदेश]] में तथा आंशिक रूप से [[मध्य प्रदेश]] में सम्मिलित है। इसके मुख्य नगर [[महोबा उत्तर प्रदेश|महोबा]], [[कालिंजर]] तथा [[खजुराहो]] हैं, जहाँ बहुत से सुंदर  मंदिर और जलाशय वर्तमान हैं। इन जलाशयो को पहाड़ियों के बीच के मार्ग को बाँधों से अवरुद्ध करके निर्मित किया गया था।
जेजाकभुक्ति [[यमुना]] और [[नर्मदा नदी|नर्मदा नदी]] नदियों के बीच में स्थित है। इसे अब [[बुंदेलखंड]] कहते हैं। इस पर चंदेल राजाओं का शासन था। यह अब आंशिक रूप से [[उत्तर प्रदेश]] में तथा आंशिक रूप से [[मध्य प्रदेश]] में सम्मिलित है। इसके मुख्य नगर [[महोबा उत्तर प्रदेश|महोबा]], [[कालिंजर]] तथा [[खजुराहो]] हैं, जहाँ बहुत से सुंदर  मंदिर और जलाशय वर्तमान में भी हैं। इन जलाशयों को, पहाड़ियों के बीच के मार्ग को बाँधों से अवरुद्ध करके निर्मित किया गया था।


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13:58, 23 अक्टूबर 2010 का अवतरण

जेजाकभुक्ति यमुना और नर्मदा नदी नदियों के बीच में स्थित है। इसे अब बुंदेलखंड कहते हैं। इस पर चंदेल राजाओं का शासन था। यह अब आंशिक रूप से उत्तर प्रदेश में तथा आंशिक रूप से मध्य प्रदेश में सम्मिलित है। इसके मुख्य नगर महोबा, कालिंजर तथा खजुराहो हैं, जहाँ बहुत से सुंदर मंदिर और जलाशय वर्तमान में भी हैं। इन जलाशयों को, पहाड़ियों के बीच के मार्ग को बाँधों से अवरुद्ध करके निर्मित किया गया था।


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