"यंत्र": अवतरणों में अंतर
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**अनुष्ठान के बाद नष्ट कर दिये जाने वाले, | **अनुष्ठान के बाद नष्ट कर दिये जाने वाले, | ||
**धरती या कागज पर खींचे गए यंत्रों से लेकर पत्थर या धातु पर उत्कीर्ण, | **धरती या कागज पर खींचे गए यंत्रों से लेकर पत्थर या धातु पर उत्कीर्ण, |
05:35, 28 अक्टूबर 2010 का अवतरण
- यंत्र एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है उपकरण।
- तांत्रिक हिन्दू धर्म, वज्रयान एवं बौद्ध धर्म में ध्यान के लिए सहायक रेखाचित्र, इसके अधिक व्यापक एवं चित्रीय स्वरूप को मंडल कहते हैं।
- यंत्र विभिन्न प्रकार के होते हैं:-
- अनुष्ठान के बाद नष्ट कर दिये जाने वाले,
- धरती या कागज पर खींचे गए यंत्रों से लेकर पत्थर या धातु पर उत्कीर्ण,
- मंदिरों में पाए जाने वाले यंत्रों तक,
- योग साधना के साथ प्रयुक्त किये जाने पर यंत्र-रेखाचित्र के विभिन्न अंग साधक को विभिन्न चरणों से होते हुए ज्ञान प्राप्ति कि ओर ले जाते हैं।
- भगवती शक्ति की आनुष्ठानिक पूजा में प्रयुक्त एक विशिष्ट यंत्र, श्रीयंत्र है, जो श्रीचक्र भी कहलाता है, यह नौ त्रिकोणों से बना होता हैः पांच नीचे कि ओर अभिमुख होते हैं और कहा जाता है कि योनि का प्रतिनिधित्व करते हैं, समझा जाता हैं कि इसमें एक गत्यात्मक संयोजन द्वारा समस्त ब्रह्मांडीय अस्तित्व की अभिव्यक्ति बिंदु से चिह्नित केंन्द्र से शुरू होकर वहीं पर खत्म होती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ