"पुनीत": अवतरणों में अंतर
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|हिन्दी=पवित्र- जिसमें पवित्रता हो। | |हिन्दी=पवित्र- जिसमें पवित्रता हो। | ||
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|विशेष=व्युत्पत्ति सूचक हिन्दी- पुन, व्युत्पत्ति सूचक संस्कृत- पुण्य। (छन्दशास्त्र) एक सममात्रिक छन्द जिसके प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ होती हैं तथा आदि में सम कल के बाद विषम कल होता है। | |विशेष=व्युत्पत्ति सूचक हिन्दी- पुन, व्युत्पत्ति सूचक संस्कृत- पुण्य। (छन्दशास्त्र) एक सममात्रिक छन्द जिसके प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ होती हैं तथा आदि में सम कल के बाद विषम कल होता है। |
11:21, 16 जनवरी 2011 का अवतरण
हिन्दी | पवित्र- जिसमें पवित्रता हो। |
-व्याकरण | (संज्ञा, स्त्रीलिंग- पुनीता, विशेषण |
-उदाहरण | जो उत्तम और इसीलिए जो पवित्र और प्रशंसनीय माना जाता हो। जैसे- पुनीत-कर्तव्य। |
-विशेष | व्युत्पत्ति सूचक हिन्दी- पुन, व्युत्पत्ति सूचक संस्कृत- पुण्य। (छन्दशास्त्र) एक सममात्रिक छन्द जिसके प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ होती हैं तथा आदि में सम कल के बाद विषम कल होता है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | |
संस्कृत | |
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