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*[[बौद्ध धर्म]] के [[विनयपिटक]] के खन्धक ग्रंथ में मठ या संघ में निवासियों के जीवन के सन्दर्भ में विधि-निषेधों की विस्तृत व्याख्या की गयी है।  
*[[बौद्ध धर्म]] के [[विनयपिटक]] के खन्धक ग्रंथ में मठ या संघ में निवासियों के जीवन के सन्दर्भ में विधि-निषेधों की विस्तृत व्याख्या की गयी है।  
*खन्धक के दो अन्य भाग- महावग्ग एवं चुल्लवग्ग हैं।  
*खन्धक के दो अन्य भाग- महावग्ग एवं चुल्लवग्ग हैं।  
*महावग्ग में संघ के अत्यधिक महत्वपूर्ण विषयों का उल्लेख है।  
*महावग्ग में संघ के अत्यधिक महत्त्वपूर्ण विषयों का उल्लेख है।  
*इसमें कुल 10 अध्याय हैं।  
*इसमें कुल 10 अध्याय हैं।  
*चुल्लवग्ग में 12 अध्याय हैं।  
*चुल्लवग्ग में 12 अध्याय हैं।  
*इसमें वर्णित विषय कम महत्वपूर्ण हैं।
*इसमें वर्णित विषय कम महत्त्वपूर्ण हैं।


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13:27, 4 जनवरी 2011 का अवतरण

  • बौद्ध धर्म के विनयपिटक के खन्धक ग्रंथ में मठ या संघ में निवासियों के जीवन के सन्दर्भ में विधि-निषेधों की विस्तृत व्याख्या की गयी है।
  • खन्धक के दो अन्य भाग- महावग्ग एवं चुल्लवग्ग हैं।
  • महावग्ग में संघ के अत्यधिक महत्त्वपूर्ण विषयों का उल्लेख है।
  • इसमें कुल 10 अध्याय हैं।
  • चुल्लवग्ग में 12 अध्याय हैं।
  • इसमें वर्णित विषय कम महत्त्वपूर्ण हैं।


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