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1905 ई. में [[भारत]] के वायसराय बने लार्ड मिण्टो का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य [[भारत]] सचिव मॉरले के सहयोग से लाया गया भारतीय परिषद् एक्ट 1909 व मिण्टो-मॉरले सुधार था। उसके ही शासनकाल में 1907 ई. में आंग्ल एवं [[रूसी]] प्रतिनिधिमण्डलों के बीच बैठक के बाद दोनों के मध्य के सभी मतभेद सुलझ गये।
1905 ई. में [[भारत]] के वायसराय बने लार्ड मिण्टो का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य [[भारत]] सचिव मॉरले के सहयोग से लाया गया भारतीय परिषद् एक्ट 1909 व मिण्टो-मॉरले सुधार था। उसके ही शासनकाल में 1907 ई. में आंग्ल एवं [[रूसी]] प्रतिनिधिमण्डलों के बीच बैठक के बाद दोनों के मध्य के सभी मतभेद सुलझ गये।
==लार्ड मिण्टो द्वितीय के काल की अन्य महत्वपूर्ण घटनायें==
==लार्ड मिण्टो द्वितीय के काल की अन्य महत्त्वपूर्ण घटनायें==
मुस्लिम लीग का गठन (1906), [[खुदीराम बोस]] को फाँसी, [[बालगंगाधर तिलक|तिलक]] को 6 वर्ष का कारावास, [[एस. पी. सिन्हा]] की कार्यकारिणी परिषद में नियुक्ति तथा [[सूरत]] में कांग्रेस का विभाजन आदि।
मुस्लिम लीग का गठन (1906), [[खुदीराम बोस]] को फाँसी, [[बालगंगाधर तिलक|तिलक]] को 6 वर्ष का कारावास, [[एस. पी. सिन्हा]] की कार्यकारिणी परिषद में नियुक्ति तथा [[सूरत]] में कांग्रेस का विभाजन आदि।



13:50, 4 जनवरी 2011 का अवतरण

1905 ई. में भारत के वायसराय बने लार्ड मिण्टो का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य भारत सचिव मॉरले के सहयोग से लाया गया भारतीय परिषद् एक्ट 1909 व मिण्टो-मॉरले सुधार था। उसके ही शासनकाल में 1907 ई. में आंग्ल एवं रूसी प्रतिनिधिमण्डलों के बीच बैठक के बाद दोनों के मध्य के सभी मतभेद सुलझ गये।

लार्ड मिण्टो द्वितीय के काल की अन्य महत्त्वपूर्ण घटनायें

मुस्लिम लीग का गठन (1906), खुदीराम बोस को फाँसी, तिलक को 6 वर्ष का कारावास, एस. पी. सिन्हा की कार्यकारिणी परिषद में नियुक्ति तथा सूरत में कांग्रेस का विभाजन आदि।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ