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उत्तर भारत के प्रांत [[पंजाब]] को 1966 में विभाजित करके हरियाणा राज्य बनाया गया था। इस राज्य की सीमा के उत्तर में [[पंजाब]] और [[हिमाचल प्रदेश]], पश्चिम तथा दक्षिण सीमा पर [[राजस्थान]] और  पूर्व में [[उत्तराखंड]], [[उत्तर प्रदेश]]  है। भारत की राजधानी [[दिल्ली]] के तीन तरफ हरियाणा की सीमायें लगी हुई हैं जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का एक बडा हिस्सा हरियाणा में मिला है। हरियाणा प्रदेश की राजधानी [[चंडीगढ]] है, जो केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ पंजाब राज्य की भी राजधानी है।
उत्तर भारत के प्रांत [[पंजाब]] को 1966 में विभाजित करके हरियाणा राज्य बनाया गया था। इस राज्य की सीमा के उत्तर में [[पंजाब]] और [[हिमाचल प्रदेश]], पश्चिम तथा दक्षिण सीमा पर [[राजस्थान]] और  पूर्व में [[उत्तराखंड]], [[उत्तर प्रदेश]]  है। भारत की राजधानी [[दिल्ली]] के तीन तरफ हरियाणा की सीमायें लगी हुई हैं जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का एक बडा हिस्सा हरियाणा में मिला है। हरियाणा प्रदेश की राजधानी [[चंडीगढ]] है, जो केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ पंजाब राज्य की भी राजधानी है।
*हरियाणा का शब्दार्थ है 'परमेश्वर का निवास'।  हरि का अर्थ विष्णु और आयन का अर्थ घर है।
*हरियाणा का शब्दार्थ है 'परमेश्वर का निवास'।  हरि का अर्थ विष्णु और आयन का अर्थ घर है।

07:39, 2 अप्रैल 2010 का अवतरण

हरियाणा / Haryana

उत्तर भारत के प्रांत पंजाब को 1966 में विभाजित करके हरियाणा राज्य बनाया गया था। इस राज्य की सीमा के उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, पश्चिम तथा दक्षिण सीमा पर राजस्थान और पूर्व में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश है। भारत की राजधानी दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा की सीमायें लगी हुई हैं जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का एक बडा हिस्सा हरियाणा में मिला है। हरियाणा प्रदेश की राजधानी चंडीगढ है, जो केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ पंजाब राज्य की भी राजधानी है।

  • हरियाणा का शब्दार्थ है 'परमेश्वर का निवास'। हरि का अर्थ विष्णु और आयन का अर्थ घर है।
  • हरियाणा सम्पूर्ण भारत के विकास का अग्रदूत माना जाता है।
  • हरियाणा ब्रिटिश शासन मे पंजाब प्रान्त का भाग रहा है , इसके इतिहास में पंजाब के इतिहास की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • हरियाणा में प्रति व्यक्ति आमदनी गोआ और दिल्ली के बाद है। हरियाणा में प्रति व्यक्ति औसत आय 29,887 रुपये प्रतिवर्ष (वर्ष 2006 के आंकडों के अनुसार) है।
  • हरियाणा औद्योगिक उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है।
  • गुड़गांव शहर सूचना प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाइल उद्योग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। यह निर्माण क्षेत्र का भी प्रमुख केंद्र है। यहाँ मारुति उद्योग लिमिटेड, जो भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी है, और हीरो होंडा लिमिटेड, जो दोपहिया वाहनों की सबसे बड़े निर्माता कम्पनी हैं, का मुख्य कार्यालय है।
  • पानीपत , पंचकूला और फरीदाबाद भी हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं।
  • पानीपत रिफाइनरी दक्षिण एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है।
  • हरियाणा राज्य में इस्पात और वस्त्र उद्योग भी बहुत विकसित है।

इतिहास और भूगोल

हरियाणा का प्राचीन इतिहास बहुत गौरवपूर्ण है। यह वैदिक काल से प्रारंभ होता है। यह राज्‍य पौराणिक भरत वंश की जन्‍मभूमि माना जाता है, जिसके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा। महाकाव्‍य महाभारत में हरियाणा का ज़िक्र हुआ है। कौरवों और पांडवों की युद्धभूमि कुरूक्षेत्र हरियाणा में है। मुस्लिमों के आगमन और दिल्‍ली के भारत की राजधानी बनने से पहले तक भारत के इतिहास में हरियाणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बाद में हरियाणा दिल्‍ली का ही एक भाग बन गया और 1857 में प्रथम स्‍वतंत्रता संग्राम तक यह अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहा। सन 1857 का विद्रोह दबाने के बाद, ब्रिटिश शासन के पुन: स्‍थापित होने पर अंग्रेज़ों ने झज्‍झर और बहादुरगढ़ के नवाब, बल्‍लभगढ़ के राजा और रिवाड़ी के राव तुलाराम के क्षेत्र या तो ब्रिटिश शासन में मिला लिए या अंग्रेज़ों ने पटियाला, नाभ और जींद के शासकों को सौंप दिये और इस प्रकार हरियाणा पंजाब प्रांत का भाग बन गया। 1 नवंबर, 1966 को पंजाब प्रांत के पुनर्गठन के पश्चात हरियाणा को पूर्ण राज्‍य का दर्ज़ा मिला।

कृषि

हरियाणा में 65 प्रतिशत से भी अधिक लोगों की जीविका का आधार कृषि है। राज्‍य के घरेलू उत्‍पादन में 26.4 प्रतिशत योगदान कृषि का है। खाद्यान्‍न की उत्पादन क्षमता, जो के राज्‍य निर्माण के समय 25.92 लाख टन थी। आज का सकल कृषि उत्पादन इससे कहीं अधिक है। मुख्‍य फसलों का उत्‍पादन पहले से बहुत बढ़ गया है। चावल, गेहूं, ज्‍वार, बाजरा, मक्‍का, जौ, गन्‍ना, कपास दलहन, तिलहन और आलू राज्‍य की मुख्य फसलें हैं। नकदी फसलों में गन्‍ना, कपास, तिलहन और सब्जियों तथा फलों का उत्पादन अधिक हो रहा है। सूरजमुखी और सोयाबीन, मूंगफली, बागवानी को भी विशेष रूप से प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। राज्‍य में खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं। मृदु उर्वरता को बढ़ाने के लिए ढेंचा और मूंग के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सूचना प्रौद्योगिकी

विश्व वैश्‍वीकरण में सूचना प्रौद्योगिकी के महत्‍व को जानते हुए हरियाणा सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी की व्‍यापक और विस्तृत नीति बनाई है जिससे राज्‍य नये विकास की ओर बढ़े। इस योजना में सूचना प्रौद्योगिकी के आई.टी.ई.एस. और बी.पी.ओ. उद्योग को प्रोत्‍साहन दिया जा रहा है। सरकार की योजना टैक्‍नोलॉजी पार्को को विकसित करने की है भी जिसमें टैक्‍नोलॉजी पार्को और आई.टी. कॉरीडोर्स को स्थापित किया जा रहा है। इस प्रयास का उद्देश्‍य सूचना प्रौद्योगिकी को नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, मोबाइल कंप्‍यूटिंग और रोबोटिक्‍स से जोड़ना है। इसके अतिरिक्त गुड़गांव में सूचना प्रौद्योगिकी और आई.टी.ई.एस. / बी.पी.ओ. भी होंगे जो विश्‍वस्‍तरीय सुविधाएं प्रदान करेंगे। गुड़गांव के अतिरिक्त, राज्य सरकार की कुंडली-मानेसर-पलवल एक्‍सप्रेस हाई वे और फरीदबाद के पास के राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भागों को विकसित करने की योजनायें हैं। ये गुड़गांव-मानेसर मेगा आई.टी. हब के उपग्रह का काम करेंगे। वर्ष 2007-08 में राज्य से 17,500 करोड़ रुपये के सॉफ्टवेयर का निर्यात किया गया।

सरकार ने पूरे राज्‍य में ‘ई-दिशा एकल सेवा केंद्र’ के नाम केंद्र’ के नाम से 1159 ग्रामीण और 104 शहरी 'सेवा केंद्र' को स्‍थापित कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में शत प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 67 प्रतिशत कार्य सम्पन्न हो चुका है। इस समय कंप्‍यूटर प्रशिक्षण, ई-टिकटिंग, मोबाइल रिचार्ज, जॉब प्‍लेसमेंट सेवा, इंटरनेट सर्फिंग, डी.टी.पी. जैसी ‘बिजनेस टु सिटिजन्‍स’ (बी2सी) सेवाएं इन केंद्रों से दी जा रही है। सरकार इन सेवा केंद्रों से बस के पास, बिजली के बिल भरने, नकल (भूमि रिकॉर्ड) जारी करने, अनुसूचित जाति/पिछड़ी जाति के प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जन्‍म-मृत्‍यु के प्रमाण पत्र देने के लिए और नए राशन कार्ड बनाने जैसी ‘गवर्मेंट टु सि‍टीजन्‍स’ (जी2सी) सेवाएं प्रदान करने पर भी कार्य कर रही है। कंप्‍यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 23,000 सरकारी कर्मचारियों को कंप्‍यूटर में प्रशिक्षित किया जा चुका है।

उद्योग

हरियाण का औद्योगिक क्षेत्र बहुत ही विस्तृत और विशाल है। राज्‍य में 1,343 बड़ी और 80,000 लघु उद्योग इकाइयां कार्यरत हैं। हरियाणा में बहुत सी वस्तुओं का उत्‍पादन होता है। कार, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, साइकिल, रेफ्रिजरेटर, वैज्ञानिक उपकरण आदि अनेक प्रकार के उत्पादकों का सबसे बड़ा उत्‍पादक राज्य हरियाणा है। विश्‍व बाजार में बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक हरियाणा है। पंचरंगा अचार के अतिरिक्त पानीपत में हथकरघे से बनी वस्‍तुएं और कालीन विश्‍व भर में प्रसिद्ध है और इनका निर्यात बड़े स्तर पर किया जाता है।

जुलाई, 1991 से अब तक 3828 औद्योगिक उद्यमियों से ज्ञापन जमा किए गए और 2228 ज्ञापन क्रियांवित कर दिए गए हैं। इन ज्ञापनों में 21,578 करोड़ रूपये का निवेश किया गया और 3,92,237 लोगों को रोजगार मिल गया है। नवीन औद्योगिक‍ नीतियों के परिणामस्‍वरूप 'विशेष आर्थिक क्षेत्र' (सेज) स्‍थापित करने के 94 प्रस्‍ताव राज्‍य को प्राप्त हुए हैं जिसके अनुसार औद्योगिक ढांचे पर 2 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इन परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन के बाद कई हजार करोड़ रूपये मानेसर के विस्‍तार के अतिरिक्त फरीदाबाद, रोहतक और जगाधरी को औद्योगिक आदर्श नगर के रूप में वि‍कसित किया जा रहा है। पानीपत में 33,000 करोड़ रूपये से 'पैट्रो रसायन केंद्र' स्‍थापित किया गया है। 2,000 करोड़ रूपये लगा कर कुंडल-मानेसर-पलवल एक्‍सप्रेस राजमार्ग का विकास हो रहा है। इस राजमार्ग के आसपास अनेक आर्थिक केंद्र बनाये जायेगें जिससे औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में निवेश के अवसर उपलब्‍ध होंगे। बहादुरगढ़ और रोहतक में नये औद्योगिक विकास तथा सोनीपत, कुंडली, राई और बाड़ी में उद्योगों का विकास करके आर्थिक विकास को बढ़ाया जा रहा है। राज्‍य सरकार अंबाला, साहा, यमुनानगर, बरवाल, करनाल, रोहतक और कैथल आदि शहरों का औद्योगिकरण करने को प्रयासरत हैं।

'हरियाणा राज्‍य औद्योगिक विकास निगम' और 'हरियाणा नगर विकास प्राधिकरण' द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन की बहुत मांग है। वर्तमान समय में 94 बड़ी तथा 5031 लघु औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना हुई है जिन पर 4124 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है और 92,559 लोगों को रोजगार मिला है। इसके अतिरिक्त अनेक औद्योगिक इकाइयों का विस्तार करने से 35,000 करोड़ रूपये से अधिक का नया निवेश हुआ है। 'भारतीय तेल निगम' ने पानीपत में 5,000 करोड़ रूपये के निवेश से पैरेक्‍सीलीन/पीटीए की स्‍थापना की है। मारूति उद्योग, हीरो होंडा और अनेक ऑटोमोबाइल उद्योगों का बहुत विस्‍तार हुआ है जिन पर लगभग 10,000 करोड़ रूपये लगाये गये हैं।

सिंचाई

राज्‍य में सिंचाई और पेय जल के समान वितरण के लिए सरकार ने 354 करोड़ रुपए की लागत से 109 किलोमीटर लंबी विशाल नहर 'भाखड़ा मुख्‍य नहर-हांसी शाखा-बुटाना शाखा बहुद्देशीय संपर्क नहर’ का निर्माण किया है। मानसून में यमुना नदी के अतिरिक्‍त पानी को काम में लेने के लिए 267 करोड़ रुपए की ‘दादूपुर-शाहाबाद-वाल्‍वी नहर परियोजना’ शुरू की है। इसमें यमुना नगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र में पड़ने वाली 92,532 हेक्‍टेयर क्षेत्र की सिंचाई और भूजल रिचार्ज सुविधाओं के लिए 590 क्‍यूसेक अतिरिक्‍त जल का प्रयोग किया जाएगा। घग्‍घर और इसकी सहयोगी नदियों पर चार कम ऊंचाई के बांध - कौशल्‍या बांध, दंग्राना बांध, दीवानवाला बांध और छामला बांध - योजनाओं पर कार्य चल रहा है जिन पर क्रमश: - 118 करोड़, 63.69 करोड़, 132.70 करोड़ और 20.41 करोड़ रुपए का ख़र्चा आएगा। इनसे मानसून के पानी का प्रयोग बढ़ेगा।

बिजली

हरियाणा राज्‍य में 1970 में ही सभी गांवों में शत प्रतिशत बिजली पहुंचा दी गई थी। सन 1966 में राज्‍य में 20,000 नलकूप थे जिनकी संख्‍या मार्च 2008 में 4.51 लाख हो गई थी। 2007-08 में बिजली की दैनिक औसत उपलब्‍धता 723.10 करोड़ यूनिट थी। 2007-08 में बिजली उपभोक्‍ताओं की संख्‍या 42.70 लाख थी। 31 मार्च, 2008 में बिजली की स्‍थापित उत्‍पादन क्षमता 4368 मेगावाट थी।

परिवहन

  • हरियाणा राज्य के सभी गांव पक्‍की सड़कों से जुड़े हुए हैं। राज्‍य में सड़कों की कुल लंबाई 31,010 किलोमीटर है।
  • कालका, कुरुक्षेत्र, रोहतक, जींद, हिसार, अंबाला, पानीपत और जखाल हरियाणा राज्य के प्रमुख रेलवे स्‍टेशन हैं। जगाधारी शहर में रेलवे वर्कशॉप भी है।
  • हरियाणा में असैनिक हवाई अड्डे- हिसार, करनाल, पिंजौर, नारनौल और भिवानी में है।

पर्यटन स्‍थल

हरियाणा में 44 से ज़्यादा पर्यटन स्थल हैं। प्रमुख पर्यटन केंद्रों में-

  • ब्‍लू जे (समालखा),
  • स्‍‍काईलार्क (पानीपत),
  • चक्रवर्ती झील और ओएसिस (उचाना),
  • पराकीट (पीपली),
  • किंगफिशर (अंबाला),
  • मैगपाई (फरीदाबाद),
  • दबचिक (होडल),
  • जंगल बबलर (धारूहेड़ा),
  • रेड बिशप (पंचकुला ब्‍लू बर्ड (हिसार),
  • शमा (गुड़गांव),
  • गौरैया (बहादुरगढ़),
  • पिंजौर गार्डन (पिंजौर),
  • दिल्‍ली के पास सूरजकुंड और बड़खल झील,
  • सुल्‍तानपुर पक्षी विहार (सुल्‍तानुपर, गुड़गांव),
  • दमदमा (गुड़गांव) और
  • चीड़ वन के लिए प्रसिद्ध मोरनी हिल्‍स पर्यटकों की रुचि के कुछ अन्‍य केंद्र हैं।
  • सूरजकुंड के प्रसिद्ध शिल्‍प मेले का हर साल फरवरी में आयोजन किया जाता है।
  • पिंजौर उत्‍सव भी प्रतिवर्ष मनाया जाता है।