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*अरविन्द कुमार का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के नगर [[मेरठ]] में [[17 जनवरी]], [[1930]] को हुआ। [[1943]] में उनका परिवार [[दिल्ली]] आ गया। वे [[अंग्रेज़ी साहित्य]] में एम.ए. हैं और '''माधुरी''' और '''सर्वोत्तम''' के प्रथम सम्पादक।
*अरविन्द कुमार का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के नगर [[मेरठ]] में [[17 जनवरी]], [[1930]] को हुआ। [[1943]] में उनका परिवार [[दिल्ली]] आ गया।  
*पत्रकारिता में उनका प्रवेश '''सरिता (हिन्दी)''' से हुआ। कई वर्ष कैरेवान ([[अंग्रेज़ी]]) के सहायक सम्पादक रहे। [[कला]], नाटक और फ़िल्म समीक्षाओं के अतिरिक्त उनकी अनेक फुटकर कविताएँ, लेख, कहानियाँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं।  
*वे [[अंग्रेज़ी साहित्य]] में एम.ए. हैं और '''माधुरी''' और '''सर्वोत्तम''' के प्रथम सम्पादक है।
*शैक्सपीयर के जूलियस सीज़र के काव्यानुवाद का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिए इब्राहीम अल्काज़ी के निर्देशन में हुआ। अरविन्द कुमार ने [[सिन्धु घाटी सभ्यता]] की पृष्ठभूमि में इसी नाटक का काव्य रूपान्तर भी किया है, जिसका नाम है-विक्रम सैंधव।  
*पत्रकारिता में उनका प्रवेश '''सरिता (हिन्दी)''' से हुआ। कई वर्ष कैरेवान ([[अंग्रेज़ी]]) के सहायक सम्पादक रहे।  
*[[कला]], नाटक और फ़िल्म समीक्षाओं के अतिरिक्त उनकी अनेक फुटकर कविताएँ, लेख, कहानियाँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं।  
*शैक्सपीयर के जूलियस सीज़र के काव्यानुवाद का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिए इब्राहीम अल्काज़ी के निर्देशन में हुआ।  
*अरविन्द कुमार ने [[सिन्धु घाटी सभ्यता]] की पृष्ठभूमि में इसी नाटक का काव्य रूपान्तर भी किया है, जिसका नाम है-विक्रम सैंधव।  
*अरविन्द कुमार जी की पत्नी श्रीमती कुसुम कुमार का जन्म [[8 दिसम्बर]], [[1933]] को मेरठ में हुआ। वे बी.ए., एल.टी. हैं। दिल्ली के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में [[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी]] पढ़ाती रही हैं। दोनों का विवाह 1959 में दिल्ली में हुआ।  
*अरविन्द कुमार जी की पत्नी श्रीमती कुसुम कुमार का जन्म [[8 दिसम्बर]], [[1933]] को मेरठ में हुआ। वे बी.ए., एल.टी. हैं। दिल्ली के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में [[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी]] पढ़ाती रही हैं। दोनों का विवाह 1959 में दिल्ली में हुआ।  


'''समान्तर कोश की रचना'''<br />
'''समान्तर कोश की रचना'''<br />
अरविन्द कुमार [[मुम्बई]] में [[1963]] से फ़िल्म पत्रिका '''माधुरी''' के सम्पादक थे। धीरे-धीरे वे फ़िल्म पत्रकारिता से ऊब चुके थे और कुछ सार्थक करने को छटपटा रहे थे। अन्य [[भाषा]] कर्मियों की तरह उनके मन में भी अभिलाषा थी कि हिन्दी में भी शब्दकोश हो। [[27 दिसम्बर]], [[1973]] को सोते-सोते उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य सूझा...'''समान्तर कोश की रचना'''। आरम्भिक तैयारी के बाद [[19 अप्रैल]], [[1976]] को [[नासिक]] में [[गोदावरी नदी]] में स्नान करके उन्होंने अपनी पत्नी कुसुम कुमार के साथ समान्तर कोश पर काम करना शुरू कर दिया। मुम्बई में केवल सुबह शाम के श्रम से इसे पूरा न होते देखकर वे माधुरी को त्याग कर [[मई]], [[1978]] में सपरिवार दिल्ली पहुँचे और दोनों अपना पूरा समय इसी को देने लगे। दिल्ली की 1978 की बाढ़ से ग्रस्त होने पर वे सपरिवार [[ग़ाज़ियाबाद]] स्थानान्तरित हो गए। जब आर्थिक स्थिति फिर से मजबूत करने की आवश्यकता आ पड़ी तो अरविन्द कुमार ने 1980 में रीडर्स डाइजेस्ट के हिन्दी संस्करण सर्वोत्तम का प्रथम सम्पादक होना स्वीकार कर लिया और पाँच साल तक उसके साथ रहे।  
अरविन्द कुमार [[मुम्बई]] में [[1963]] से फ़िल्म पत्रिका '''माधुरी''' के सम्पादक थे। धीरे-धीरे वे फ़िल्म पत्रकारिता से ऊब चुके थे और कुछ सार्थक करने को छटपटा रहे थे। अन्य [[भाषा]] कर्मियों की तरह उनके मन में भी अभिलाषा थी कि हिन्दी में भी शब्दकोश हो। [[27 दिसम्बर]], [[1973]] को सोते-सोते उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य सूझा...'''समान्तर कोश की रचना'''। आरम्भिक तैयारी के बाद [[19 अप्रैल]], [[1976]] को [[नासिक]] में [[गोदावरी नदी]] में स्नान करके उन्होंने अपनी पत्नी कुसुम कुमार के साथ समान्तर कोश पर काम करना शुरू कर दिया। मुम्बई में केवल सुबह शाम के श्रम से इसे पूरा न होते देखकर वे माधुरी को त्याग कर [[मई]], [[1978]] में सपरिवार दिल्ली पहुँचे और दोनों अपना पूरा समय इसी को देने लगे। दिल्ली की 1978 की बाढ़ से ग्रस्त होने पर वे सपरिवार [[ग़ाज़ियाबाद]] स्थानान्तरित हो गए। जब आर्थिक स्थिति फिर से मजबूत करने की आवश्यकता आ पड़ी तो अरविन्द कुमार ने [[1980]] में रीडर्स डाइजेस्ट के हिन्दी संस्करण सर्वोत्तम का प्रथम सम्पादक होना स्वीकार कर लिया और पाँच साल तक उसके साथ रहे।  


'''समान्तर कोश का कम्प्यूरीकरण''' <br />
'''समान्तर कोश का कम्प्यूरीकरण''' <br />

11:01, 10 जनवरी 2011 का अवतरण

  • अरविन्द कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के नगर मेरठ में 17 जनवरी, 1930 को हुआ। 1943 में उनका परिवार दिल्ली आ गया।
  • वे अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. हैं और माधुरी और सर्वोत्तम के प्रथम सम्पादक है।
  • पत्रकारिता में उनका प्रवेश सरिता (हिन्दी) से हुआ। कई वर्ष कैरेवान (अंग्रेज़ी) के सहायक सम्पादक रहे।
  • कला, नाटक और फ़िल्म समीक्षाओं के अतिरिक्त उनकी अनेक फुटकर कविताएँ, लेख, कहानियाँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं।
  • शैक्सपीयर के जूलियस सीज़र के काव्यानुवाद का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिए इब्राहीम अल्काज़ी के निर्देशन में हुआ।
  • अरविन्द कुमार ने सिन्धु घाटी सभ्यता की पृष्ठभूमि में इसी नाटक का काव्य रूपान्तर भी किया है, जिसका नाम है-विक्रम सैंधव।
  • अरविन्द कुमार जी की पत्नी श्रीमती कुसुम कुमार का जन्म 8 दिसम्बर, 1933 को मेरठ में हुआ। वे बी.ए., एल.टी. हैं। दिल्ली के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी और अंग्रेज़ी पढ़ाती रही हैं। दोनों का विवाह 1959 में दिल्ली में हुआ।

समान्तर कोश की रचना
अरविन्द कुमार मुम्बई में 1963 से फ़िल्म पत्रिका माधुरी के सम्पादक थे। धीरे-धीरे वे फ़िल्म पत्रकारिता से ऊब चुके थे और कुछ सार्थक करने को छटपटा रहे थे। अन्य भाषा कर्मियों की तरह उनके मन में भी अभिलाषा थी कि हिन्दी में भी शब्दकोश हो। 27 दिसम्बर, 1973 को सोते-सोते उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य सूझा...समान्तर कोश की रचना। आरम्भिक तैयारी के बाद 19 अप्रैल, 1976 को नासिक में गोदावरी नदी में स्नान करके उन्होंने अपनी पत्नी कुसुम कुमार के साथ समान्तर कोश पर काम करना शुरू कर दिया। मुम्बई में केवल सुबह शाम के श्रम से इसे पूरा न होते देखकर वे माधुरी को त्याग कर मई, 1978 में सपरिवार दिल्ली पहुँचे और दोनों अपना पूरा समय इसी को देने लगे। दिल्ली की 1978 की बाढ़ से ग्रस्त होने पर वे सपरिवार ग़ाज़ियाबाद स्थानान्तरित हो गए। जब आर्थिक स्थिति फिर से मजबूत करने की आवश्यकता आ पड़ी तो अरविन्द कुमार ने 1980 में रीडर्स डाइजेस्ट के हिन्दी संस्करण सर्वोत्तम का प्रथम सम्पादक होना स्वीकार कर लिया और पाँच साल तक उसके साथ रहे।

समान्तर कोश का कम्प्यूरीकरण
समान्तर कोश के कम्प्यूरीकरण की प्रक्रिया ग़ाज़ियाबाद में 20 मार्च, 1993 से प्रारम्भ हुई और पहले संस्करण की पूर्ति बंगलौर में 11 सितम्बर, 1996 को हुई।


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