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*ओरछा के महल भारतीचन्द के समय 1539 ई. में बनकर पूर्ण हुए और राजधानी भी इसी वर्ष पुरानी राजधानी गढ़कुंडार से ओरछा लायी गयी। | *ओरछा के महल भारतीचन्द के समय 1539 ई. में बनकर पूर्ण हुए और राजधानी भी इसी वर्ष पुरानी राजधानी गढ़कुंडार से ओरछा लायी गयी। | ||
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11:43, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड सम्भाग में बेतवा नदी के किनारे स्थित आधुनिक ओरछा मध्य काल में परिहास राजाओं की राजधानी थी।
- परिहास राजाओं के बाद में यह चन्देलों के अधिकार में रहीं।
- चन्देल राजाओं के पराभव के बाद ओरछा श्रीहीन हो गया।
- उसके बाद में बुंदेलों ने ओरछा को राजधानी बनाया और इसने पुनः अपना गौरव प्राप्त किया।
- राजा रुद्रप्रताप (1501-03ई.) वर्तमान ओरछा को बसाने वाले थे।
- 1531 ई. में इस नगर की स्थापना की गई और क़िले के निर्माण में आठ वर्ष का समय लगा।
- ओरछा के महल भारतीचन्द के समय 1539 ई. में बनकर पूर्ण हुए और राजधानी भी इसी वर्ष पुरानी राजधानी गढ़कुंडार से ओरछा लायी गयी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ