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[[State::झारखण्ड]] / Jharkhand
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झारखंड का शाब्दिक अर्थ है "वन का क्षेत्र"। झारखंड घने वनों से भरा छोटा नागपुर पठार पर बसा है जो [[गंगा नदी|गंगा]] के मैदानी भाग के दक्षिण में है। माना जाता है कि झारखंड शब्द का प्रयोग लगभग चार सौ वर्ष पहले सोलहवीं शताब्दी में हुआ। अपने बृहत और मूल अर्थ में 'झारखंड' पुराने बिहार के ज़्यादातर दक्षिणी हिस्से और [[छ्त्तीसगढ़]], [[पश्चिम बंगाल]] और [[उड़ीसा]] के कुछ आदिवासी ज़िले शामिल हैं। झारखंड में भारत की लगभग नब्बे प्रतिशत अनुसूचित जनजाति का  निवास स्थल है। संपूर्ण भारत में वनों के अनुपात में यह प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है तथा वन्यजीवों के संरक्षण के लिये मशहूर है।
झारखण्ड का शाब्दिक अर्थ है "वन का क्षेत्र"। झारखण्ड घने वनों से भरा छोटा नागपुर पठार पर बसा है जो [[गंगा नदी|गंगा]] के मैदानी भाग के दक्षिण में है। माना जाता है कि झारखण्ड शब्द का प्रयोग लगभग चार सौ वर्ष पहले सोलहवीं शताब्दी में हुआ। अपने बृहत और मूल अर्थ में 'झारखण्ड' पुराने बिहार के ज़्यादातर दक्षिणी हिस्से और [[छ्त्तीसगढ़]], [[पश्चिम बंगाल]] और [[उड़ीसा]] के कुछ आदिवासी ज़िले शामिल हैं। झारखण्ड में भारत की लगभग नब्बे प्रतिशत अनुसूचित जनजाति का  निवास स्थल है। संपूर्ण भारत में वनों के अनुपात में यह प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है तथा वन्यजीवों के संरक्षण के लिये मशहूर है।
==इतिहास और भूगोल==
==इतिहास और भूगोल==
15 नंवबर, 2000 को [[भारत]] संघ के 28वें राज्‍य के रूप में झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। झारखंड आदिवासियों की गृहभूमि है। एक प्राचीन कथा से ज्ञात होता कि [[उड़ीसा]] के राजा जयसिंह देव ने तेरहवीं शताब्‍दी में खुद को झारखंड का शासक घोषित कर अपना शासन लागू कर दिया था। झारखंड में मुख्‍य रूप से छोटा नागपुर पठार और संथाल परगना के वन क्षेत्र शामिल हैं। यहां की अपनी विशिष्‍ट सांस्‍कृतिक परंपराएं हैं। स्‍वतंत्रता प्राप्ति के बाद 'झारखंड मुक्ति मोर्चा' ने नियमित आंदोलन किया, जिसके कारण से सरकार ने 1995 में 'झारखंड क्षेत्र परिषद' की स्‍थापना की और इसके पश्चात यह राज्य पूर्णत: अस्तित्‍व में आया।
15 नंवबर, 2000 को [[भारत]] संघ के 28वें राज्य के रूप में झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ। झारखण्ड आदिवासियों की गृहभूमि है। एक प्राचीन कथा से ज्ञात होता कि [[उड़ीसा]] के राजा जयसिंह देव ने तेरहवीं शताब्दी में खुद को झारखण्ड का शासक घोषित कर अपना शासन लागू कर दिया था। झारखण्ड में मुख्य रूप से छोटा नागपुर पठार और संथाल परगना के वन क्षेत्र शामिल हैं। यहां की अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक परंपराएं हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' ने नियमित आंदोलन किया, जिसके कारण से सरकार ने 1995 में 'झारखण्ड क्षेत्र परिषद' की स्थापना की और इसके पश्चात यह राज्य पूर्णत: अस्तित्व में आया।
==भौगोलिक स्थिति==
==भौगोलिक स्थिति==
झारखंड के पूर्व में [[पश्चिम बंगाल]], पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] और [[छ्त्तीसगढ़]], उत्तर में [[बिहार]] तथा दक्षिण में [[उडीसा]] से घिरा हुआ है। औद्योगिक नगरी राँची इसकी राजधानी है। इस प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में [[धनबाद]], [[बोकारो]] एवं [[जमशेदपुर]] शामिल हैं।  
झारखण्ड के पूर्व में [[पश्चिम बंगाल]], पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] और [[छ्त्तीसगढ़]], उत्तर में [[बिहार]] तथा दक्षिण में [[उड़ीसा]] से घिरा हुआ है। औद्योगिक नगरी राँची इसकी राजधानी है। इस प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में [[धनबाद]], [[बोकारो]] एवं [[जमशेदपुर]] शामिल हैं।  
==कृषि==
==कृषि==
झारखंड राज्‍य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में वन हैं। कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखंड की अर्थव्‍यवस्‍था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्‍य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्‍टेयर है।
झारखण्ड राज्य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में वन हैं। कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है।
==सिंचाई और बिजली==
==सिंचाई और बिजली==
दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्‍य के जल का प्रमुख स्‍त्रोत है। राज्‍य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्‍टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्‍ध हो पाती है।
दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्य के जल का प्रमुख स्त्रोत है। राज्य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाती है।
।झारखंड में स्‍थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्त्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्‍कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता  4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्‍पादन शामिल है।
।झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्त्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता  4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्पादन शामिल है।
==उद्योग और खनिज==
==उद्योग और खनिज==
झारखंड के कुछ बडे उद्योग हैं:  
झारखण्ड के कुछ बडे उद्योग हैं:  
*सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्‍टील प्‍लांट,  
*सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट,  
*जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्‍टील कंपनी (टिस्‍को)।  
*जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)।  
*अन्‍य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्‍को),  
*अन्य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को),  
*टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),  
*टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),  
*भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद),  
*भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद),  
*खिलाडी सीमेंट फैक्‍टरी (पलामू),  
*खिलाडी सीमेंट फैक्टरी (पलामू),  
*इंडियन ऐल्‍यूमिनियम (मुरी),  
*इंडियन ऐल्यूमिनियम (मुरी),  
*ए सी सी सीमेंट (चाइबासर),  
*ए सी सी सीमेंट (चाइबासर),  
*सेंट्रल कोलफीज्‍ड्स लिमिटेड (रांची),  
*सेंट्रल कोलफीज्ड्स लिमिटेड (रांची),  
*उषा मार्टिन, उषा बैल्‍ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड (जादूगोडा),  
*उषा मार्टिन, उषा बैल्ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड (जादूगोडा),  
*हिंदुस्‍तान कॉपर लिमिटेड (मुसाबनी),  
*हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (मुसाबनी),  
*टिन प्‍लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),  
*टिन प्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),  
*इंडियन एक्‍सप्‍लोसिव लिमिटेड (गोमिया) और  
*इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड (गोमिया) और  
*हिंडालको बॉक्‍साइट (लोहरदगा), आदि।
*हिंडालको बॉक्साइट (लोहरदगा), आदि।
*झारखंड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्‍य है। यहाँ उपलब्‍ध प्रमुख खनिज हैं- कोयला, कच्‍चा लोहा चूना पत्‍थर, खनिज तांबा, बॉक्‍साइट, चीनी मिट्टी, काइनाइट चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, बैंटोनाइट, साबुन पत्‍थर बिल्‍लौरी रेत और सिलिका बालू।  
*झारखण्ड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्य है। यहाँ उपलब्ध प्रमुख खनिज हैं- कोयला, कच्चा लोहा चूना पत्थर, खनिज तांबा, बॉक्साइट, चीनी मिट्टी, काइनाइट चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, बैंटोनाइट, साबुन पत्थर बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू।  
*इस नवगठित राज्‍य में सिंहभूम, बोकारो, हजारीबाग, रांची, कोडरमा और धनबाद में कोयला, अभ्रक और अन्‍य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएं हैं।
*इस नवगठित राज्य में सिंहभूम, बोकारो, हजारीबाग, रांची, कोडरमा और धनबाद में कोयला, अभ्रक और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएं हैं।
==परिवहन==
==परिवहन==
*राज्‍य में सडकों की कुल लंबाई 4,311 किलोमीटर है। इसमें 1,500 किलोमीटर राष्‍ट्रीय राजमार्ग और 2,711 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग हैं।
*राज्य में सडकों की कुल लंबाई 4,311 किलोमीटर है। इसमें 1,500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और 2,711 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग हैं।
*राज्‍य में विकसित रेलवे प्रणाली है। रांची, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर कुछ प्रमुख रेलवे स्‍टेशन हैं।
*राज्य में विकसित रेलवे प्रणाली है। रांची, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
*विमान सेवा से रांची, दिल्‍ली, पटना और मुंबई से जुडा है। जमशेदपुर, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग, डाल्‍टनगंज और नोआमुंडी में हवाई पट्टियां हैं।
*विमान सेवा से रांची, दिल्ली, पटना और मुंबई से जुडा है। जमशेदपुर, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग, डाल्टनगंज और नोआमुंडी में हवाई पट्टियां हैं।
==पर्यटन स्‍थल==
==पर्यटन स्थल==
राज्‍य में अनेक मनोरम स्‍थल हैं। ये हैं-  
राज्य में अनेक मनोरम स्थल हैं। ये हैं-  
*इचागढ पक्षी विहार,  
*इचागढ पक्षी विहार,  
*उद्धव पक्षी विहार- सा‍हिबगंज (पठारा झील),  
*उद्धव पक्षी विहार- साहिबगंज (पठारा झील),  
*चाचरो मगरमच्‍छ पालन केंद्र कोडरमा (तिलाया बांध),  
*चाचरो मगरमच्छ पालन केंद्र कोडरमा (तिलाया बांध),  
*चंद्रपुर पक्षी विहार,  
*चंद्रपुर पक्षी विहार,  
*जवाहरलाल नेहरू चिडियाघर (बोकारो),  
*जवाहरलाल न्र्हरू चिडियाघर (बोकारो),  
*तेनुघाट पक्षी विहार, डालमा वन्‍यजीव अभयारण्‍य (जमशेदपुर),  
*तेनुघाट पक्षी विहार, डालमा वन्यजीव अभयारण्य (जमशेदपुर),  
*टाटा स्‍टील चिडियाघर (जमशेदपुर),  
*टाटा स्टील चिडियाघर (जमशेदपुर),  
*पलकोट वन्‍यजीव अभयारण्‍य (गुमला),  
*पलकोट वन्यजीव अभयारण्य (गुमला),  
*भगवान बिरसा चिडियाघर (रांची),  
*भगवान बिरसा चिडियाघर (रांची),  
*बिरसा हिरन अभयारण्‍य (कालमाटी रांची),  
*बिरसा हिरन अभयारण्य (कालमाटी रांची),  
*बेटला राष्‍ट्रीय उद्यान (पलामू),  
*बेटला राष्ट्रीय उद्यान (पलामू),  
*रांची मत्‍स्‍य केंद्र (रांची),  
*रांची मत्स्य केंद्र (रांची),  
*हजारीबाग राष्‍ट्रीय उद्यान,  
*हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान,  
*तातोलोई गर्म पानी झरना (दुमका) और  
*तातोलोई गर्म पानी झरना (दुमका) और  
*सारंदा वन।
*सारंदा वन।
*झारखंड में कुछ मशहूर मंदिर भी हैं-  
*झारखण्ड में कुछ मशहूर मंदिर भी हैं-  
*झारखंड धाम,  
*झारखण्ड धाम,  
*लगंता बाबा मंदिर/मजार,  
*लगंता बाबा मंदिर/मजार,  
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*बिंध्यवासिनी मंदिर,  
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झारखण्ड / Jharkhand

झारखण्ड का शाब्दिक अर्थ है "वन का क्षेत्र"। झारखण्ड घने वनों से भरा छोटा नागपुर पठार पर बसा है जो गंगा के मैदानी भाग के दक्षिण में है। माना जाता है कि झारखण्ड शब्द का प्रयोग लगभग चार सौ वर्ष पहले सोलहवीं शताब्दी में हुआ। अपने बृहत और मूल अर्थ में 'झारखण्ड' पुराने बिहार के ज़्यादातर दक्षिणी हिस्से और छ्त्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कुछ आदिवासी ज़िले शामिल हैं। झारखण्ड में भारत की लगभग नब्बे प्रतिशत अनुसूचित जनजाति का निवास स्थल है। संपूर्ण भारत में वनों के अनुपात में यह प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है तथा वन्यजीवों के संरक्षण के लिये मशहूर है।

इतिहास और भूगोल

15 नंवबर, 2000 को भारत संघ के 28वें राज्य के रूप में झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ। झारखण्ड आदिवासियों की गृहभूमि है। एक प्राचीन कथा से ज्ञात होता कि उड़ीसा के राजा जयसिंह देव ने तेरहवीं शताब्दी में खुद को झारखण्ड का शासक घोषित कर अपना शासन लागू कर दिया था। झारखण्ड में मुख्य रूप से छोटा नागपुर पठार और संथाल परगना के वन क्षेत्र शामिल हैं। यहां की अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक परंपराएं हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' ने नियमित आंदोलन किया, जिसके कारण से सरकार ने 1995 में 'झारखण्ड क्षेत्र परिषद' की स्थापना की और इसके पश्चात यह राज्य पूर्णत: अस्तित्व में आया।

भौगोलिक स्थिति

झारखण्ड के पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छ्त्तीसगढ़, उत्तर में बिहार तथा दक्षिण में उड़ीसा से घिरा हुआ है। औद्योगिक नगरी राँची इसकी राजधानी है। इस प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में धनबाद, बोकारो एवं जमशेदपुर शामिल हैं।

कृषि

झारखण्ड राज्य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में वन हैं। कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है।

सिंचाई और बिजली

दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्य के जल का प्रमुख स्त्रोत है। राज्य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाती है। ।झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्त्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता 4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्पादन शामिल है।

उद्योग और खनिज

झारखण्ड के कुछ बडे उद्योग हैं:

  • सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट,
  • जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)।
  • अन्य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को),
  • टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),
  • भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद),
  • खिलाडी सीमेंट फैक्टरी (पलामू),
  • इंडियन ऐल्यूमिनियम (मुरी),
  • ए सी सी सीमेंट (चाइबासर),
  • सेंट्रल कोलफीज्ड्स लिमिटेड (रांची),
  • उषा मार्टिन, उषा बैल्ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड (जादूगोडा),
  • हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (मुसाबनी),
  • टिन प्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),
  • इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड (गोमिया) और
  • हिंडालको बॉक्साइट (लोहरदगा), आदि।
  • झारखण्ड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्य है। यहाँ उपलब्ध प्रमुख खनिज हैं- कोयला, कच्चा लोहा चूना पत्थर, खनिज तांबा, बॉक्साइट, चीनी मिट्टी, काइनाइट चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, बैंटोनाइट, साबुन पत्थर बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू।
  • इस नवगठित राज्य में सिंहभूम, बोकारो, हजारीबाग, रांची, कोडरमा और धनबाद में कोयला, अभ्रक और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएं हैं।

परिवहन

  • राज्य में सडकों की कुल लंबाई 4,311 किलोमीटर है। इसमें 1,500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और 2,711 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग हैं।
  • राज्य में विकसित रेलवे प्रणाली है। रांची, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
  • विमान सेवा से रांची, दिल्ली, पटना और मुंबई से जुडा है। जमशेदपुर, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग, डाल्टनगंज और नोआमुंडी में हवाई पट्टियां हैं।

पर्यटन स्थल

राज्य में अनेक मनोरम स्थल हैं। ये हैं-

  • इचागढ पक्षी विहार,
  • उद्धव पक्षी विहार- साहिबगंज (पठारा झील),
  • चाचरो मगरमच्छ पालन केंद्र कोडरमा (तिलाया बांध),
  • चंद्रपुर पक्षी विहार,
  • जवाहरलाल न्र्हरू चिडियाघर (बोकारो),
  • तेनुघाट पक्षी विहार, डालमा वन्यजीव अभयारण्य (जमशेदपुर),
  • टाटा स्टील चिडियाघर (जमशेदपुर),
  • पलकोट वन्यजीव अभयारण्य (गुमला),
  • भगवान बिरसा चिडियाघर (रांची),
  • बिरसा हिरन अभयारण्य (कालमाटी रांची),
  • बेटला राष्ट्रीय उद्यान (पलामू),
  • रांची मत्स्य केंद्र (रांची),
  • हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान,
  • तातोलोई गर्म पानी झरना (दुमका) और
  • सारंदा वन।
  • झारखण्ड में कुछ मशहूर मंदिर भी हैं-
  • झारखण्ड धाम,
  • लगंता बाबा मंदिर/मजार,
  • बिंध्यवासिनी मंदिर,
  • मसनजोर धाम आदि।

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