"हिन्दी सामान्य ज्ञान 4": अवतरणों में अंतर
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+कामायनी | +कामायनी | ||
{'दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, | {'दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।।' पंक्ति के रचनाकार हैं? | ||
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-[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] | -[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] | ||
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+[[सुमित्रानंदन पंत]] | +[[सुमित्रानंदन पंत]] | ||
-[[महादेवी वर्मा]] | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
||सुमित्रानंदन पंत हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत उस नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए। सुमित्रानंदन पंत का जन्म [[20 मई]] [[1900]] में कौसानी, [[उत्तराखण्ड]], [[भारत]] में हुआ था। जन्म के छह घंटे बाद ही माँ को क्रूर मृत्यु ने छीन लिया। शिशु को उसकी दादी ने पाला पोसा। शिशु का नाम रखा गया गुसाई दत्त।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सुमित्रानंदन पंत]] | ||[[चित्र:Sumitranandan.jpg|150px|सुमित्रानंदन पंत|right]] सुमित्रानंदन पंत हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत उस नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए। सुमित्रानंदन पंत का जन्म [[20 मई]] [[1900]] में कौसानी, [[उत्तराखण्ड]], [[भारत]] में हुआ था। जन्म के छह घंटे बाद ही माँ को क्रूर मृत्यु ने छीन लिया। शिशु को उसकी दादी ने पाला पोसा। शिशु का नाम रखा गया गुसाई दत्त।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सुमित्रानंदन पंत]] | ||
{'निराला के [[राम]] [[तुलसीदास]] के राम से भिन्न और भवभूति के राम के निकट हैं।' यह कथन किस [[हिन्दी]] | {'निराला के [[राम]] [[तुलसीदास]] के राम से भिन्न और भवभूति के राम के निकट हैं।' यह कथन किस [[हिन्दी]] आलोचक का है? | ||
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-डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी | -डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी | ||
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-डॉ. गंगाप्रसाद पाण्डेय | -डॉ. गंगाप्रसाद पाण्डेय | ||
{' | {'राम की शक्तिपूजा' में [[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला|निराला]] की इन दो कविताओं का सारतत्व समाहित है? | ||
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- | -तुलसीदास और सरोजस्मृति | ||
- | -तुलसीदास और बादल | ||
-सरोजस्मृति और तोड़ती पत्थर | -सरोजस्मृति और तोड़ती पत्थर | ||
+जागो फिर एक बार और | +जागो फिर एक बार और तुलसीदास | ||
{किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है? | {किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है? | ||
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-[[महादेवी वर्मा]] | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
-[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | -[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | ||
|| [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|150px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिंदी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | |||
{व्यवस्थाप्रियता और विद्रोह का विलक्षण संयोग किस प्रयोगवादी कवि में सबसे अधिक मिलता है? | {व्यवस्थाप्रियता और विद्रोह का विलक्षण संयोग किस प्रयोगवादी कवि में सबसे अधिक मिलता है? | ||
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+अज्ञेय में | +अज्ञेय में | ||
{भारतेन्दु कृत 'भारत दुर्दशा' किस साहित्य रूप का हिस्सा है? | {[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र|भारतेन्दु]] कृत 'भारत दुर्दशा' किस साहित्य रूप का हिस्सा है? | ||
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-कथा साहित्य | -कथा साहित्य | ||
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-खन्ना | -खन्ना | ||
{'पवित्रता की माप है मलिनता, सुख का आलोचक है दुःख, पुण्य की कसौटी है पाप।' यह कथन ' | {'पवित्रता की माप है मलिनता, सुख का आलोचक है दुःख, पुण्य की कसौटी है पाप।' यह कथन 'स्कन्दगुप्त' नाटक के किस पात्र का है? | ||
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-विजया | -विजया | ||
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-डॉ. नगेन्द्र | -डॉ. नगेन्द्र | ||
+[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] | +[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
||[[चित्र:RamChandraShukla.jpg|150px|right|रामचन्द्र शुक्ल]] रामचन्द्र शुक्ल जी का जन्म [[बस्ती ज़िला|बस्ती ज़िले]] के अगोना नामक गाँव में सन 1884 ई. में हुआ था। सन 1888 ई. में वे अपने पिता के साथ राठ हमीरपुर गये तथा वहीं पर विद्याध्ययन प्रारम्भ किया। सन 1892 ई. में उनके पिता की नियुक्ति मिर्ज़ापुर में सदर क़ानूनगो के रूप में हो गई और वे पिता के साथ [[मिर्ज़ापुर]] आ गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचन्द्र शुक्ल]] | |||
{'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता | {'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता, अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है? | ||
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-डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल | -डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल | ||
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+[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | +[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | ||
-यशपाल | -यशपाल | ||
||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी |150px|right] ] डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी [[हिन्दी]] के शीर्षस्थानीय साहित्यकारों में से हैं। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, उपन्यास लेखक, आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | |||
{वीरों का कैसा हो वसंत कविता के रचयिता हैं? | {वीरों का कैसा हो वसंत कविता के रचयिता हैं? | ||
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-[[रहीम]] | -[[रहीम]] | ||
+[[कबीरदास]] | +[[कबीरदास]] | ||
|| [[चित्र:Kabirdas.jpg|कबीरदास|150px|right]] कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु [[रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]] | |||
{मसि कागद छुयो नहीं कलम गही नहिं हाथ॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? | {मसि कागद छुयो नहीं कलम गही नहिं हाथ॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? | ||
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-सुन्दर दास | -सुन्दर दास | ||
{ | {लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? | ||
प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? | |||
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-[[केशवदास]] | -[[केशवदास]] | ||
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+[[रामचन्द्र शुक्ल]] | +[[रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
-[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | -[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | ||
||रामचन्द्र शुक्ल | || [[चित्र:RamChandraShukla.jpg|150px|right|रामचन्द्र शुक्ल]] रामचन्द्र शुक्ल जी का जन्म [[बस्ती ज़िला|बस्ती ज़िले]] के अगोना नामक गाँव में सन 1884 ई. में हुआ था। सन 1888 ई. में वे अपने पिता के साथ राठ हमीरपुर गये तथा वहीं पर विद्याध्ययन प्रारम्भ किया। सन 1892 ई. में उनके पिता की नियुक्ति मिर्ज़ापुर में सदर क़ानूनगो के रूप में हो गई और वे पिता के साथ [[मिर्ज़ापुर]] आ गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
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11:33, 13 जनवरी 2011 का अवतरण
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