"दरगाह चार क़ुतुब": अवतरणों में अंतर

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[[हरियाणा]] में स्थित [[हिसार]] एक ख़ूबसूरत स्थान है और [[हिसार पर्यटन]] का  आकर्षक स्‍थल है। इसका नाम चार सूफी संतों के नाम पर रखा गया है। यहाँ पर उनकी दरगाह भी बनी हुई हैं। इनके नाम जमालउद्दीन हांसी, बुरहनउद्दीन, क़ुतुबुद्दीन मुनावर और नूरूद्दीन हैं। इन चारों संतों ने अपने जीवन के अंतिम दिन यहीं पर बिताए थे। संतों की दरगाहों के अलावा पर्यटक यहाँ पर मस्जिद भी देख सकते हैं। इस मस्जिद का निर्माण [[फ़िरोज़शाह तुग़लक]] ने कराया था।
*दरगाह चार क़ुतुब [[हरियाणा]] के [[हिसार]] शहर मे स्थित है।
*इसका नाम चार सूफी संतों के नाम पर रखा गया है। यहाँ पर उनकी दरगाह भी बनी हुई हैं।  
*इनके नाम जमालउद्दीन हांसी, बुरहनउद्दीन, क़ुतुबुद्दीन मुनावर और नूरूद्दीन हैं। इन चारों संतों ने अपने जीवन के अंतिम दिन यहीं पर बिताए थे।  
*संतों की दरगाहों के अलावा पर्यटक यहाँ पर मस्जिद भी देख सकते हैं। इस मस्जिद का निर्माण [[फ़िरोज़शाह तुग़लक]] ने कराया था।


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10:35, 18 जनवरी 2011 का अवतरण

  • दरगाह चार क़ुतुब हरियाणा के हिसार शहर मे स्थित है।
  • इसका नाम चार सूफी संतों के नाम पर रखा गया है। यहाँ पर उनकी दरगाह भी बनी हुई हैं।
  • इनके नाम जमालउद्दीन हांसी, बुरहनउद्दीन, क़ुतुबुद्दीन मुनावर और नूरूद्दीन हैं। इन चारों संतों ने अपने जीवन के अंतिम दिन यहीं पर बिताए थे।
  • संतों की दरगाहों के अलावा पर्यटक यहाँ पर मस्जिद भी देख सकते हैं। इस मस्जिद का निर्माण फ़िरोज़शाह तुग़लक ने कराया था।


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