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|हिन्दी= स्वर्ण, सोना, 'धतुरा' नामक विषैला [[भारत के फल|फल]] या उसका वृक्ष, गेहूँ, अनाज, पलाश, ढाक, टेसू, छप्पय नामक [[छंद]] का एक प्रकार या भेद, खजूर, | |हिन्दी= स्वर्ण, सोना, 'धतुरा' नामक विषैला [[भारत के फल|फल]] या उसका वृक्ष, गेहूँ, अनाज, पलाश, ढाक, टेसू, छप्पय नामक [[छंद]] का एक प्रकार या भेद, खजूर, नागकेसर। | ||
|व्याकरण= पुल्लिंग, धातु | |व्याकरण= पुल्लिंग, धातु | ||
|उदाहरण= <poem>कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय। | |उदाहरण= <poem>कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय। | ||
वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।।</poem>-[[रहीम]] | वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।।</poem>-[[रहीम]] | ||
|विशेष= उक्त दोहे में 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग क्रमशः उक्त दो अर्थों में है। | |विशेष= उक्त दोहे में 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग क्रमशः उक्त दो अर्थों में है। | ||
|पर्यायवाची= चंपा, कंचना, चंपक, नागचंपा, सोनचंपा, सुरभि, शीतल, वन मलिका, पलाश, किंशुक, लाक्षा, तरु, पर्ण, | |पर्यायवाची= चंपा, कंचना, चंपक, नागचंपा, सोनचंपा, सुरभि, शीतल, वन मलिका, पलाश, किंशुक, लाक्षा, तरु, पर्ण, याज्ञिक। | ||
|संस्कृत=कन् + वुन्, कणिक | |संस्कृत=कन् + वुन्, कणिक | ||
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04:49, 21 जनवरी 2011 का अवतरण
हिन्दी | स्वर्ण, सोना, 'धतुरा' नामक विषैला फल या उसका वृक्ष, गेहूँ, अनाज, पलाश, ढाक, टेसू, छप्पय नामक छंद का एक प्रकार या भेद, खजूर, नागकेसर। |
-व्याकरण | पुल्लिंग, धातु |
-उदाहरण | कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय। |
-विशेष | उक्त दोहे में 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग क्रमशः उक्त दो अर्थों में है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | चंपा, कंचना, चंपक, नागचंपा, सोनचंपा, सुरभि, शीतल, वन मलिका, पलाश, किंशुक, लाक्षा, तरु, पर्ण, याज्ञिक। |
संस्कृत | कन् + वुन्, कणिक |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
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