"पंक्तिपावन ब्राह्मण": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*जिन ब्राह्मणों के भोजपंक्ति में बैठने स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
*इनमें प्राय: श्रोत्रिय ब्राह्मण ([[वेद|वेदों]] का स्वाध्याय और पारायण करने वाले) होते हैं।  
*इनमें प्राय: श्रोत्रिय ब्राह्मण ([[वेद|वेदों]] का स्वाध्याय और पारायण करने वाले) होते हैं।  
*संस्कार सम्बन्धी भोजों में पंक्तिपावन ब्राह्मणों की विशेषता मानी जाती थी, परन्तु वह भी सामूहिक न थी।  
*संस्कार सम्बन्धी भोजों में पंक्तिपावन ब्राह्मणों की विशेषता मानी जाती थी, परन्तु वह भी सामूहिक न थी।  
*पंक्तिपावन ब्राह्मण [[पंक्तिदूषण]] की अपेक्षा बहुत कम होते थे।
*पंक्तिपावन ब्राह्मण [[पंक्तिदूषण ब्राह्मण|पंक्तिदूषण]] की अपेक्षा बहुत कम होते थे।


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}

12:08, 2 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • जिन ब्राह्मणों के भोजपंक्ति में बैठने से पंक्ति पवित्र मानी जाती है, उनको पंक्तिपावन ब्राह्मण कहा जाता है।
  • इनमें प्राय: श्रोत्रिय ब्राह्मण (वेदों का स्वाध्याय और पारायण करने वाले) होते हैं।
  • संस्कार सम्बन्धी भोजों में पंक्तिपावन ब्राह्मणों की विशेषता मानी जाती थी, परन्तु वह भी सामूहिक न थी।
  • पंक्तिपावन ब्राह्मण पंक्तिदूषण की अपेक्षा बहुत कम होते थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ