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*खजुराहो के मंदिर '''भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना''' हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम '''खर्जुरवाहक''' है।
*खजुराहो के मंदिर '''भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना''' हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम '''खर्जुरवाहक''' है।
*खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि '''कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई''' मालूम होती हैं।  
*खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि '''कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई''' मालूम होती हैं।  
*यहाँ की श्रृंगारिक मुद्राओं में अंकित मिथुन-मूर्तियों की [[कला]] पर सम्भवतः तांत्रिक प्रभाव है, किन्तु कला का जो निरावृत और अछूता सौदर्न्य इनके अंकन में निहित है, उसकी उपमा नहीं मिलती।
*खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम मध्य प्रदेश में स्‍थित है। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''
*खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम मध्य प्रदेश में स्‍थित है। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''
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07:02, 7 फ़रवरी 2011 का अवतरण

एक पर्यटन स्थल

खजुराहो
खजुराहो मंदिर
खजुराहो मंदिर
  • भारत में, ताजमहल के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में खजुराहो का नाम आता है।
  • खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम खर्जुरवाहक है।
  • खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई मालूम होती हैं।
  • खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम मध्य प्रदेश में स्‍थित है। .... और पढ़ें