"कनक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{शब्द संदर्भ लघु
{{शब्द संदर्भ लघु
|हिन्दी= स्वर्ण, सोना, 'धतुरा' नामक विषैला [[भारत के फल|फल]] या उसका वृक्ष, गेहूँ, अनाज, पलाश, ढाक, टेसू, छप्पय नामक [[छंद]] का एक प्रकार या भेद, खजूर, नागकेसर।
|हिन्दी= स्वर्ण, सोना, 'धतुरा' नामक विषैला [[भारत के फल|फल]] या उसका वृक्ष, [[गेहूँ]], अनाज, पलाश, ढाक, टेसू, छप्पय नामक [[छंद]] का एक प्रकार या भेद, खजूर, नागकेसर।
|व्याकरण= पुल्लिंग, धातु  
|व्याकरण= पुल्लिंग, धातु  
|उदाहरण= <poem>कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
|उदाहरण= <poem>'''कनक''' '''कनक''' ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।।</poem>-[[रहीम]]  
वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।।</poem>-[[रहीम]]  
|विशेष= उक्त दोहे में 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग क्रमशः उक्त दो अर्थों में है।
|विशेष= उक्त दोहे में ''''कनक'''' शब्द का दो बार प्रयोग क्रमशः उक्त दो अर्थों में है।
|पर्यायवाची= चंपा, कंचना, चंपक, नागचंपा, सोनचंपा, सुरभि, शीतल, वन मलिका, पलाश, किंशुक, लाक्षा, तरु, पर्ण, याज्ञिक।
|पर्यायवाची= चंपा, कंचना, चंपक, नागचंपा, सोनचंपा, सुरभि, शीतल, वन मलिका, पलाश, किंशुक, लाक्षा, तरु, पर्ण, याज्ञिक।
|संस्कृत=कन् + वुन्, कणिक
|संस्कृत=कन् + वुन्, कणिक

09:12, 11 फ़रवरी 2011 का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी स्वर्ण, सोना, 'धतुरा' नामक विषैला फल या उसका वृक्ष, गेहूँ, अनाज, पलाश, ढाक, टेसू, छप्पय नामक छंद का एक प्रकार या भेद, खजूर, नागकेसर।
-व्याकरण    पुल्लिंग, धातु
-उदाहरण  

कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।।

-रहीम
-विशेष    उक्त दोहे में 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग क्रमशः उक्त दो अर्थों में है।
-विलोम   
-पर्यायवाची    चंपा, कंचना, चंपक, नागचंपा, सोनचंपा, सुरभि, शीतल, वन मलिका, पलाश, किंशुक, लाक्षा, तरु, पर्ण, याज्ञिक।
संस्कृत कन् + वुन्, कणिक
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश