"क्षत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{शब्द संदर्भ लघु
{{शब्द संदर्भ लघु
|हिन्दी=जिसे क्षति या हानि पहुँची हो, घायल, जिसका कोई भाग टूट चुका हो, खंडित, घाव, जख़्म, जिसका आघात या चोट लगने से कोई अंग टूट या बिगड़ गया हो
|हिन्दी=जिसे क्षति या हानि पहुँची हो, घायल, जिसका कोई भाग टूट चुका हो, खंडित, घाव, जख़्म, जिसका आघात या चोट लगने से कोई अंग टूट या बिगड़ गया हो|
|व्याकरण=[[विशेषण]], पुल्लिंग, धातु
|व्याकरण=[[विशेषण]], पुल्लिंग, धातु
|उदाहरण=<poem>निधि जो पाई खो दी हमने,
|उदाहरण=<poem>निधि जो पाई खो दी हमने,
भटक रहे हैं लक्ष्य विरत हम !
भटक रहे हैं लक्ष्य विरत हम !
समय अहेरी वार करे नित,
समय अहेरी वार करे नित,
हैं बहिरंतर क्षत विक्षत हम !</poem>
हैं बहिरंतर '''क्षत''' विक्षत हम !</poem>
|विशेष=
|विशेष=
|विलोम=अक्षत
|विलोम=अक्षत
|पर्यायवाची=आहत, अभिहत, अभ्याहत, उपहत, क्षतिग्रस्त, ज़ख़्मी, निहत, विहत
|पर्यायवाची=आहत, अभिहत, अभ्याहत, उपहत, क्षतिग्रस्त, ज़ख़्मी, निहत, विहत|
|संस्कृत=[क्षण्+क्त]
|संस्कृत=[क्षण्+क्त]
|अन्य ग्रंथ=
|अन्य ग्रंथ=

09:53, 11 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी जिसे क्षति या हानि पहुँची हो, घायल, जिसका कोई भाग टूट चुका हो, खंडित, घाव, जख़्म, जिसका आघात या चोट लगने से कोई अंग टूट या बिगड़ गया हो
-व्याकरण    विशेषण, पुल्लिंग, धातु
-उदाहरण  

निधि जो पाई खो दी हमने,
भटक रहे हैं लक्ष्य विरत हम !
समय अहेरी वार करे नित,
हैं बहिरंतर क्षत विक्षत हम !

-विशेष   
-विलोम    अक्षत
-पर्यायवाची    आहत, अभिहत, अभ्याहत, उपहत, क्षतिग्रस्त, ज़ख़्मी, निहत, विहत
संस्कृत [क्षण्+क्त]
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द क्षतज
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश