"उन्नत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
|हिन्दी=ऊपर उठा हुआ, ऊँचा, विद्या, वैभव आदि में आगे बढ़ा हुआ, श्रेष्ठ।
|हिन्दी=ऊपर उठा हुआ, ऊँचा, विद्या, वैभव आदि में आगे बढ़ा हुआ, श्रेष्ठ।
|व्याकरण=[[विशेषण]]
|व्याकरण=[[विशेषण]]
|उदाहरण=उन्नत करना मनुष्यों का अनुभव।
|उदाहरण='''उन्नत''' करना मनुष्यों का अनुभव।
|विशेष=
|विशेष=
|विलोम=अवनत
|विलोम=अवनत
|पर्यायवाची=विक्रमोर्वशीयम्- अच्छा (अच्छी), उठा (उठी), उत्कृष्ट, प्रगत, प्रोन्नत, बढ़ा चढ़ा (बढ़ी चढ़ी), बरतर, बेहतर, विकसित, संस्कृत, समुन्नत, सुधरा [सुधरी]
|पर्यायवाची=विक्रमोर्वशीयम्- अच्छा (अच्छी), उठा (उठी), उत्कृष्ट, प्रगत, प्रोन्नत, बढ़ा चढ़ा (बढ़ी चढ़ी), बरतर, बेहतर, विकसित, संस्कृत, समुन्नत, सुधरा।
|संस्कृत=[उद्+नम्+क्त], उठाया हुआ, उन्न्त किया हुआ, ऊपर उठाया हुआ <ref>भर्तृहरिशतकत्रयम्, श्रृंगार, नीति, वैराग्य 3|24</ref>, <ref>शिशुपालवध 9|79</ref>, नतोन्नतभूमिभागे-<ref>शकुन्तला नाटक 4|14</ref>, <ref>विक्रमांकदेवचरित 5|22</ref>, <ref>किरातार्जुनीय 5|14, 14|23</ref>, मांसल, भरा-पूरा
|संस्कृत=[उद्+नम्+क्त], उठाया हुआ, उन्न्त किया हुआ, ऊपर उठाया हुआ <ref>भर्तृहरिशतकत्रयम्, श्रृंगार, नीति, वैराग्य 3|24</ref>, <ref>शिशुपालवध 9|79</ref>, नतोन्नतभूमिभागे-<ref>शकुन्तला नाटक 4|14</ref>, <ref>विक्रमांकदेवचरित 5|22</ref>, <ref>किरातार्जुनीय 5|14, 14|23</ref>, मांसल, भरा-पूरा
|अन्य ग्रंथ=ऊँचा, लम्बा, उत्तुंग, बड़ा, प्रमुख-<ref>रघुवंश 1|14</ref>
|अन्य ग्रंथ=ऊँचा, लम्बा, उत्तुंग, बड़ा, प्रमुख-<ref>रघुवंश 1|14</ref>

04:21, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी ऊपर उठा हुआ, ऊँचा, विद्या, वैभव आदि में आगे बढ़ा हुआ, श्रेष्ठ।
-व्याकरण    विशेषण
-उदाहरण   उन्नत करना मनुष्यों का अनुभव।
-विशेष   
-विलोम    अवनत
-पर्यायवाची    विक्रमोर्वशीयम्- अच्छा (अच्छी), उठा (उठी), उत्कृष्ट, प्रगत, प्रोन्नत, बढ़ा चढ़ा (बढ़ी चढ़ी), बरतर, बेहतर, विकसित, संस्कृत, समुन्नत, सुधरा।
संस्कृत [उद्+नम्+क्त], उठाया हुआ, उन्न्त किया हुआ, ऊपर उठाया हुआ [1], [2], नतोन्नतभूमिभागे-[3], [4], [5], मांसल, भरा-पूरा
अन्य ग्रंथ ऊँचा, लम्बा, उत्तुंग, बड़ा, प्रमुख-[6]
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भर्तृहरिशतकत्रयम्, श्रृंगार, नीति, वैराग्य 3|24
  2. शिशुपालवध 9|79
  3. शकुन्तला नाटक 4|14
  4. विक्रमांकदेवचरित 5|22
  5. किरातार्जुनीय 5|14, 14|23
  6. रघुवंश 1|14