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*निशीथचूर्णी तथा [[शिशुपाल]] वध में इस स्थान का विशेष उल्लेख हुआ है।
*निशीथचूर्णी तथा [[शिशुपाल]] वध में इस स्थान का विशेष उल्लेख हुआ है।
*संस्कृत के विख्यात कवि [[माघ]] का यह कार्यक्षेत्र रहा है।
*संस्कृत के विख्यात कवि [[माघ]] का यह कार्यक्षेत्र रहा है।
*प्रारम्भिक ऐतिहासिक युग की संस्कृत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्राचीन स्थलों में भीनमाल का अपना     एक अलग महत्त्व है।  
*प्रारम्भिक ऐतिहासिक युग की संस्कृत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्राचीन स्थलों में भीनमाल का अपना एक अलग महत्त्व है।  
*इस स्थल पर [[आर.सी. अग्रवाल]] द्वारा [[1953]]-[[1954]] ई. में उत्खनन करवाया गया।  
*इस स्थल पर आर.सी. अग्रवाल द्वारा [[1953]]-[[1954]] ई. में उत्खनन करवाया गया।  
*यहाँ पर पक्की ईंटों से निर्मित मध्ययुगीन भवनों के अवशेष प्राप्त हुए हैं, जो विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।  
*यहाँ पर पक्की ईंटों से निर्मित मध्ययुगीन भवनों के अवशेष प्राप्त हुए हैं,जो विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।  
*भीनमाल से कतिपय गुप्तकालीन मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं।  
*भीनमाल से कतिपय गुप्तकालीन मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं।  
*यहाँ से रोमन ऐम्फोरा (सुरापात्र) भी प्राप्त हुआ है, जो प्रथम शताब्दी ईसा का है।
*यहाँ से रोमन ऐम्फोरा (सुरापात्र) भी प्राप्त हुआ है, जो प्रथम शताब्दी ईसा का है।

04:44, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • यह भीनमाल राजस्थान के मारवाड़ अंचल में जालौर के ज़िलांतर्गत अवस्थित इस ग्राम का जैन तथा संस्कृत साहित्य में अनेक बार इसका उल्लेख हुआ है।
  • निशीथचूर्णी तथा शिशुपाल वध में इस स्थान का विशेष उल्लेख हुआ है।
  • संस्कृत के विख्यात कवि माघ का यह कार्यक्षेत्र रहा है।
  • प्रारम्भिक ऐतिहासिक युग की संस्कृत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्राचीन स्थलों में भीनमाल का अपना एक अलग महत्त्व है।
  • इस स्थल पर आर.सी. अग्रवाल द्वारा 1953-1954 ई. में उत्खनन करवाया गया।
  • यहाँ पर पक्की ईंटों से निर्मित मध्ययुगीन भवनों के अवशेष प्राप्त हुए हैं,जो विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
  • भीनमाल से कतिपय गुप्तकालीन मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं।
  • यहाँ से रोमन ऐम्फोरा (सुरापात्र) भी प्राप्त हुआ है, जो प्रथम शताब्दी ईसा का है।
  • इस आधार पर प्राचीन भीनमाल का विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्धों का ज्ञान प्राप्त होता है।


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