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|हिन्दी=युद्ध क्षेत्र में पहनने का लोहे का टोप, युद्ध के समय पहने जानेवाले टोप में पीछे की ओर लगी हुई सिकड़ियों की वह झालर जो गरदन पर लटकी रहती थी। | |हिन्दी=युद्ध क्षेत्र में पहनने का लोहे का टोप, युद्ध के समय पहने जानेवाले टोप में पीछे की ओर लगी हुई सिकड़ियों की वह झालर जो गरदन पर लटकी रहती थी। | ||
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|अन्य ग्रंथ= | |अन्य ग्रंथ= |
07:55, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण
हिन्दी | युद्ध क्षेत्र में पहनने का लोहे का टोप, युद्ध के समय पहने जानेवाले टोप में पीछे की ओर लगी हुई सिकड़ियों की वह झालर जो गरदन पर लटकी रहती थी। |
-व्याकरण | पुल्लिंग, धातु |
-उदाहरण | जिरह झिलम झारी और भारी पख्खर सों।[1] |
-विशेष | झिलम को 'झिलमटोप' भी कहते है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | लौह शिर कवच, कटाह, कड़ाह, कुंड, कूँड़, खोलक, घूघ, झिलमी, ताव, लौह टोपी, लौहशिरस्त्राण, शिप्रा, शुक। |
संस्कृत | |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | झिलमिला |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भूषण ग्र. (518)