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||[[परमाणु]] के अंदर न्यूट्रॉन एक ऐसा सूक्ष्म कण है, जिसका द्रव्यमान [[प्रोटॉन]] के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है, लेकिन इस पर कोई आवेश नहीं होता है। | |||
{[[परमाणु]] नाभिक के अवयव हैं- | {[[परमाणु]] नाभिक के अवयव हैं- | ||
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- [[इलेक्ट्रॉन]] और [[न्यूट्रॉन]] | - [[इलेक्ट्रॉन]] और [[न्यूट्रॉन]] | ||
- [[इलेक्ट्रॉन]], [[प्रोटॉन]] और [[न्यूट्रॉन]] | - [[इलेक्ट्रॉन]], [[प्रोटॉन]] और [[न्यूट्रॉन]] | ||
||[[परमाणु]] के अंदर [[प्रोटॉन]] एक ऐसा सूक्ष्म कण है, जिसका सापेक्ष द्रव्यमान [[हाइड्रोजन]] [[परमाणु]] के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है और इस पर इकाई धन आवेश रहता है।<br />[[परमाणु]] के अंदर न्यूट्रॉन एक ऐसा सूक्ष्म कण है, जिसका द्रव्यमान [[प्रोटॉन]] के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है, लेकिन इस पर कोई आवेश नहीं होता है। | |||
{सजावटी वृक्ष तथा झाड़ियों के संवर्द्धन से सम्बन्धित अध्ययन कहलाता है- | {सजावटी वृक्ष तथा झाड़ियों के संवर्द्धन से सम्बन्धित अध्ययन कहलाता है- | ||
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+ [[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम]] | + [[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम]] | ||
- उपर्युक्त में से कोई नहीं | - उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
||जब कोई पिण्ड दूसरे पिण्ड पर बल लगाता है तो ऐसी स्थिति में दूसरा पिण्ड भी पहले पिण्ड पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाता है। अर्थात् प्रत्येक क्रिया की उसके बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। इसे न्यूटन के गति का तृतीय नियम कहते हैं।{{point}} अधिक जनकारी के लिए देखें:-[[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|तृतीय नियम]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन एक आवेश रहित कण है? | {निम्नलिखित में से कौन एक आवेश रहित कण है? | ||
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+ [[न्यूट्रॉन]] | + [[न्यूट्रॉन]] | ||
- इनमें में कोई नहीं | - इनमें में कोई नहीं | ||
||[[परमाणु]] के अंदर न्यूट्रॉन एक ऐसा सूक्ष्म कण है, जिसका द्रव्यमान [[प्रोटॉन]] के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है, लेकिन इस पर कोई आवेश नहीं होता है। | |||
{पौधों की आंतरिक संरचना का अध्ययन कहलाता है- | {पौधों की आंतरिक संरचना का अध्ययन कहलाता है- | ||
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{जल में तैरना न्यूटन की गति के किस नियम के कारण सम्भव है? | {जल में तैरना न्यूटन की गति के किस नियम के कारण सम्भव है? | ||
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- प्रथम नियम | - [[न्यूटन के नियम#प्रथम नियम|प्रथम नियम]] | ||
- द्वितीय नियम | - [[न्यूटन के नियम#द्वितीय नियम|द्वितीय नियम]] | ||
+ तृतीय नियम | + [[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|तृतीय नियम]] | ||
- उपर्युक्त सभी | - उपर्युक्त सभी | ||
||जब कोई पिण्ड दूसरे पिण्ड पर बल लगाता है तो ऐसी स्थिति में दूसरा पिण्ड भी पहले पिण्ड पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाता है। अर्थात् प्रत्येक क्रिया की उसके बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। इसे न्यूटन के गति का तृतीय नियम कहते हैं।{{point}} अधिक जनकारी के लिए देखें:-[[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|तृतीय नियम]] | |||
{'कोई पिण्ड तब तक विरामावस्था में ही बना रहेगा, जब तक उस पर कोई बाह्य [[बल]] कार्य नहीं करता है।' यह कथन किसका है? | {'कोई पिण्ड तब तक विरामावस्था में ही बना रहेगा, जब तक उस पर कोई बाह्य [[बल]] कार्य नहीं करता है।' यह कथन किसका है? | ||
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{न्यूटन की गति के नियमों के अनुसार निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है? | {न्यूटन की गति के नियमों के अनुसार निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है? | ||
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- प्रथम नियम से [[बल]] की परिभाषा ज्ञात की जाती है। | - [[न्यूटन के नियम#प्रथम नियम|प्रथम नियम]] से [[बल]] की परिभाषा ज्ञात की जाती है। | ||
+ द्वितीय नियम से [[बल]] की परिभाषा ज्ञात की जाती है। | + [[न्यूटन के नियम#द्वितीय नियम|द्वितीय नियम]] से [[बल]] की परिभाषा ज्ञात की जाती है। | ||
- तृतीय नियम से संवेग संरक्षण सिद्धांत प्रतिपादित होता है। | - [[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|तृतीय नियम]] से संवेग संरक्षण सिद्धांत प्रतिपादित होता है। | ||
- उपर्युक्त सभी | - उपर्युक्त सभी | ||
08:00, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण
विज्ञान
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