"प्रयोग:Shilpi4": अवतरणों में अंतर
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+ [[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम]] | + [[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम]] | ||
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||जब कोई पिण्ड दूसरे पिण्ड पर बल लगाता है तो ऐसी स्थिति में दूसरा पिण्ड भी पहले पिण्ड पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाता | ||जब कोई पिण्ड दूसरे पिण्ड पर बल लगाता है तो ऐसी स्थिति में दूसरा पिण्ड भी पहले पिण्ड पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाता है अर्थात् प्रत्येक क्रिया की उसके बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। इसे न्यूटन के गति का तृतीय नियम कहते हैं।{{point}} अधिक जनकारी के लिए देखें:-[[न्यूटन के नियम#तृतीय नियम|तृतीय नियम]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन एक आवेश रहित कण है? | {निम्नलिखित में से कौन एक आवेश रहित कण है? | ||
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- [[विषाणु]] | - [[विषाणु]] | ||
{जल में तैरना न्यूटन की गति के किस नियम के कारण सम्भव है? | {[[जल]] में तैरना न्यूटन की गति के किस नियम के कारण सम्भव है? | ||
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- [[न्यूटन के नियम#प्रथम नियम|प्रथम नियम]] | - [[न्यूटन के नियम#प्रथम नियम|प्रथम नियम]] | ||
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+ [[न्यूट्रॉन]] | + [[न्यूट्रॉन]] | ||
- मेसॉन | - मेसॉन | ||
||[[परमाणु]] के अंदर न्यूट्रॉन एक ऐसा सूक्ष्म कण है, जिसका द्रव्यमान [[प्रोटॉन]] के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है, लेकिन इस पर कोई आवेश नहीं होता है। | |||
{द्विनाम पद्धति के प्रतिपादक हैं- | {द्विनाम पद्धति के प्रतिपादक हैं- |
09:12, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण
विज्ञान
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