"प्रताप": अवतरणों में अंतर

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|हिन्दी= बहुत गर्मी, प्रकृष्ट ताप और [[तेज]], प्रकाश, प्रभुत्व, पौरूष, शक्ति , पराक्रम, वीरता, उत्साह और साहस, शक्ति, इक़बाल, महिमा, मान्यता, प्रकृष्ट ताप।
|हिन्दी= बहुत गर्मी, प्रकृष्ट ताप और [[तेज]], प्रकाश, प्रभुत्व, पौरूष, शक्ति , पराक्रम, वीरता, उत्साह और साहस, शक्ति, इक़बाल, महिमा, मान्यता, प्रकृष्ट ताप।
|व्याकरण= पुल्लिंग
|व्याकरण= पुल्लिंग
|उदाहरण=सूर्य का प्रचंड प्रताप, भुजाओं का प्रताप, साहस आदि के कारण होनेवाला प्रभाव, वेष के प्रताप से सभी साधुवेषधारी सम्मान पाते हैं, तुव प्रताप जान्यौ नहिं।-<ref>सूरसागर (10/488)</ref>,यह प्रताप दीपक सु निरंतर।-<ref>सूरसागर (2/28)</ref>, राम प्रताप प्रगट एहिं माहीं।-<ref>तुलसी (मानस., 1/10/4)</ref>,  
|उदाहरण=[[सूर्य]] का प्रचंड '''प्रताप''', भुजाओं का '''प्रताप''', साहस आदि के कारण होनेवाला प्रभाव, वेष के '''प्रताप''' से सभी साधुवेषधारी सम्मान पाते हैं, तुव '''प्रताप''' जान्यौ नहिं।-<ref>[[सूरसागर]] (10/488)</ref>,यह '''प्रताप''' दीपक सु निरंतर।-<ref>सूरसागर (2/28)</ref>, राम '''प्रताप''' प्रगट एहिं माहीं।-<ref>[[तुलसी]] (मानस., 1/10/4)</ref>,  
|विशेष=सत्कर्मो का प्रभाव और महिमा।  
|विशेष=सत्कर्मो का प्रभाव और महिमा।  
|पर्यायवाची=आतंक, इक़बाल, ग़लबा, चलती, चौधराहट, जलाल, ज़ोर, ठकुरायत, डर, ताप, ताब, तेज, दबदबा, दाब, दौर, दौरा, धाक, धौंस, पराक्रम, पित्ता, पौरूष, प्रतिष्ठा, प्रभाव, रसूख़, रूतबा, रुआब, रोब, रोबदाब, लोहा, वक़त, विक्रम, शान, शौर्य, साख, सिप्पा, हेकड़ी।  
|पर्यायवाची=आतंक, इक़बाल, ग़लबा, चलती, चौधराहट, जलाल, ज़ोर, ठकुरायत, डर, ताप, ताब, तेज, दबदबा, दाब, दौर, दौरा, धाक, धौंस, पराक्रम, पित्ता, पौरूष, प्रतिष्ठा, प्रभाव, रसूख़, रूतबा, रुआब, रोब, रोबदाब, लोहा, वक़त, विक्रम, शान, शौर्य, साख, सिप्पा, हेकड़ी।  
|संस्कृत=प्रताप: [प्र+ तप्+ घञ्], ताप, गर्मी-<ref>पंचतन्त्र 1/107</ref>, दीप्ति, दहकती हुयी गर्मी-<ref>कु. 2/24</ref>, आभा, उज्ज्वलता, मर्यादा, शान, यश-<ref>महावीर चरित 2/4</ref>, साहस, पराक्रम, शौर्य-प्रतापस्तत्र भानोश्च युग-पद्-व्यानशे दिश:-<ref>रघुवंश 4/15</ref>, यहाँ ‘प्रताप’ का अर्थ गर्मी भी है 4/30, शक्ति, बल, ऊर्जा, उत्कण्ठा, उत्साह
|संस्कृत='''प्रताप''': [प्र+ तप्+ घञ्], ताप, गर्मी-<ref>पंचतन्त्र 1/107</ref>, दीप्ति, दहकती हुयी गर्मी-<ref>कु. 2/24</ref>, आभा, उज्ज्वलता, मर्यादा, शान, यश-<ref>महावीर चरित 2/4</ref>, साहस, पराक्रम, शौर्य-प्रतापस्तत्र भानोश्च युग-पद्-व्यानशे दिश:-<ref>रघुवंश 4/15</ref>, यहाँ '''प्रताप''' का अर्थ गर्मी भी है 4/30, शक्ति, बल, [[ऊर्जा]], उत्कण्ठा, उत्साह।
|अन्य ग्रंथ=
|अन्य ग्रंथ=
|असमिया= शक्ति, प्रताप, पुरुषत्व, बीरत्व
|असमिया= शक्ति, प्रताप, पुरुषत्व, बीरत्व

07:04, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण

हिन्दी बहुत गर्मी, प्रकृष्ट ताप और तेज, प्रकाश, प्रभुत्व, पौरूष, शक्ति , पराक्रम, वीरता, उत्साह और साहस, शक्ति, इक़बाल, महिमा, मान्यता, प्रकृष्ट ताप।
-व्याकरण    पुल्लिंग
-उदाहरण  
(शब्द प्रयोग)  
सूर्य का प्रचंड प्रताप, भुजाओं का प्रताप, साहस आदि के कारण होनेवाला प्रभाव, वेष के प्रताप से सभी साधुवेषधारी सम्मान पाते हैं, तुव प्रताप जान्यौ नहिं।-[1],यह प्रताप दीपक सु निरंतर।-[2], राम प्रताप प्रगट एहिं माहीं।-[3],
-विशेष    सत्कर्मो का प्रभाव और महिमा।
-विलोम  
-पर्यायवाची    आतंक, इक़बाल, ग़लबा, चलती, चौधराहट, जलाल, ज़ोर, ठकुरायत, डर, ताप, ताब, तेज, दबदबा, दाब, दौर, दौरा, धाक, धौंस, पराक्रम, पित्ता, पौरूष, प्रतिष्ठा, प्रभाव, रसूख़, रूतबा, रुआब, रोब, रोबदाब, लोहा, वक़त, विक्रम, शान, शौर्य, साख, सिप्पा, हेकड़ी।
संस्कृत प्रताप: [प्र+ तप्+ घञ्], ताप, गर्मी-[4], दीप्ति, दहकती हुयी गर्मी-[5], आभा, उज्ज्वलता, मर्यादा, शान, यश-[6], साहस, पराक्रम, शौर्य-प्रतापस्तत्र भानोश्च युग-पद्-व्यानशे दिश:-[7], यहाँ प्रताप का अर्थ गर्मी भी है 4/30, शक्ति, बल, ऊर्जा, उत्कण्ठा, उत्साह।
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख
अन्य भाषाओं मे
भाषा असमिया उड़िया उर्दू कन्नड़ कश्मीरी कोंकणी गुजराती
शब्द शक्ति, प्रताप, पुरुषत्व, बीरत्व प्रताप जलाल, शजाअत प्रताप, तेजस्सु, शौर्य तीज़, जलाल, ह्-यमथ प्रताप, तेज, कांति, सामर्थ्य
भाषा डोगरी तमिल तेलुगु नेपाली पंजाबी बांग्ला बोडो
शब्द पेरुमै, पुगळ्, आण्-मै, वीरम् प्रतापमु, परताप प्रताप, तेज, प्रभाव, पराक्रम, पौरुष
भाषा मणिपुरी मराठी मलयालम मैथिली संथाली सिंधी अंग्रेज़ी
शब्द प्रताप, तेज, पौरुष प्रतापं,पौरुषं प्रतापु Ardour, Vigour, Energy, Valour, Brilliance, Majestry, Glory

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूरसागर (10/488)
  2. सूरसागर (2/28)
  3. तुलसी (मानस., 1/10/4)
  4. पंचतन्त्र 1/107
  5. कु. 2/24
  6. महावीर चरित 2/4
  7. रघुवंश 4/15