"अहमद निज़ामशाह": अवतरणों में अंतर

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*अहमद निज़ामशाह का असली नाम मलिक अहमद था। वह कुछ वर्षों तक बहमनी वंश के सुल्तान महमूद के अधीन [[पूना]] के निकट [[जुन्नर]] का हाकिम रहा।  
*अहमद निज़ामशाह का असली नाम मलिक अहमद था। वह कुछ वर्षों तक बहमनी वंश के सुल्तान महमूद के अधीन [[पूना]] के निकट [[जुन्नर]] का हाकिम रहा।  
*वह [[बीदर]] के दक्खिनी मुसलमानों के दल के नेता निज़ामुल मुल्क बहरी का बेटा था जिसने बहमनी सुल्तान के वज़ीर मुहम्मद गवाँ को 1841 ई. में क़त्ल करवा दिया।  
*वह [[बीदर]] के दक्खिनी मुसलमानों के दल के नेता निज़ामुल मुल्क बहरी का बेटा था जिसने बहमनी सुल्तान के वज़ीर मुहम्मद गवाँ को 1841 ई. में क़त्ल करवा दिया।  
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*उसने अपना नाम अहमद निज़ामशाह और अपने राजवंश का नाम [[निज़ामशाही वंश|निज़ामशाही]] रखा। 1499 ई. में उसने [[देवगिरी]] अथवा [[दौलताबाद]] क़िले को जीतकर उस पर अपना अधिकार कर लिया और इस प्रकार अपने राज्य को मजबूत बनाया।  
*उसने अपना नाम अहमद निज़ामशाह और अपने राजवंश का नाम [[निज़ामशाही वंश|निज़ामशाही]] रखा। 1499 ई. में उसने [[देवगिरी]] अथवा [[दौलताबाद]] क़िले को जीतकर उस पर अपना अधिकार कर लिया और इस प्रकार अपने राज्य को मजबूत बनाया।  
*उसने 1506 ई. तक राज्य किया। उसकी मृत्यु 1508 ई. में हुई।
*उसने 1506 ई. तक राज्य किया। उसकी मृत्यु 1508 ई. में हुई।
 
==संबंधित लेख==
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13:16, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • अहमद निज़ामशाह का असली नाम मलिक अहमद था। वह कुछ वर्षों तक बहमनी वंश के सुल्तान महमूद के अधीन पूना के निकट जुन्नर का हाकिम रहा।
  • वह बीदर के दक्खिनी मुसलमानों के दल के नेता निज़ामुल मुल्क बहरी का बेटा था जिसने बहमनी सुल्तान के वज़ीर मुहम्मद गवाँ को 1841 ई. में क़त्ल करवा दिया।
  • अपने पिता की मृत्यु के बाद मलिक अहमद ने बहमनी राज्य के आख़िरी सुल्तान महमूद (1482-1518 ई.) को हराकर अपने स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की और अपनी राजधानी का नाम अहमदनगर रखा।
  • उसने अपना नाम अहमद निज़ामशाह और अपने राजवंश का नाम निज़ामशाही रखा। 1499 ई. में उसने देवगिरी अथवा दौलताबाद क़िले को जीतकर उस पर अपना अधिकार कर लिया और इस प्रकार अपने राज्य को मजबूत बनाया।
  • उसने 1506 ई. तक राज्य किया। उसकी मृत्यु 1508 ई. में हुई।

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