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*सरोजिनी नायडू का जन्म [[13 फ़रवरी]], सन [[1879]] को [[हैदराबाद]] में हुआ था। श्री '''अघोरनाथ चट्टोपाध्याय''' और '''वरदासुन्दरी''' की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।  
*सरोजिनी नायडू का जन्म [[13 फ़रवरी]], सन [[1879]] को [[हैदराबाद]] में हुआ था। श्री '''अघोरनाथ चट्टोपाध्याय''' और '''वरदासुन्दरी''' की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।  
*'''सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं'''। वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण [[अंग्रेज़ी]], [[हिन्दी]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] या [[गुजराती भाषा]] में देती थीं।  
*'''सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं'''। वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण [[अंग्रेज़ी]], [[हिन्दी]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] या [[गुजराती भाषा]] में देती थीं।  
*13 वर्ष की आयु में सरोजनी नायडू ने '''1300 पदों की 'झील की रानी''' नामक लंबी कविता और लगभग '''2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक''' लिखकर [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
*13 वर्ष की आयु में सरोजनी नायडू ने '''1300 पदों की 'झील की रानी'''' नामक लंबी कविता और लगभग '''2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक''' लिखकर [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
*सरोजिनी नायडू को विशेषत: ''''भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक'''' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।  
*सरोजिनी नायडू को विशेषत: ''''भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक'''' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।  
*[[2 मार्च]] सन [[1949]] को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू '''[[उत्तर प्रदेश]] के राज्यपाल पद पर''' थीं। '''[[सरोजिनी नायडू|.... और पढ़ें]]'''
*[[2 मार्च]] सन [[1949]] को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू '''[[उत्तर प्रदेश]] के राज्यपाल पद पर''' थीं। '''[[सरोजिनी नायडू|.... और पढ़ें]]'''

13:59, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण

एक व्यक्तित्व

सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू
  • सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत के सर्वोत्तम राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
  • सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी, सन 1879 को हैदराबाद में हुआ था। श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और वरदासुन्दरी की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।
  • सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं। वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेज़ी, हिन्दी, बांग्ला या गुजराती भाषा में देती थीं।
  • 13 वर्ष की आयु में सरोजनी नायडू ने 1300 पदों की 'झील की रानी' नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेज़ी भाषा पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
  • सरोजिनी नायडू को विशेषत: 'भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।
  • 2 मार्च सन 1949 को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद पर थीं। .... और पढ़ें