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[[चित्र:Asi-River-Varanasi.jpg|thumb|250px|असि नदी, [[वाराणसी]]]]
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*असि नदी [[वाराणसी]] के निकट [[गंगा नदी]] में मिलने वाली एक प्रसिद्ध छोटी शाखानदी है।  
*असि नदी [[वाराणसी]] के निकट [[गंगा नदी]] में मिलने वाली एक प्रसिद्ध छोटी शाखानदी है। असि को असीगंगा भी कहते हैं।
*कहते हैं इस नगरी का नाम असी और वरुणा नदियों के बीच में स्थित होने के कारण ही वाराणसी हुआ था।  
*कहते हैं इस नगरी का नाम असी और वरुणा नदियों के बीच में स्थित होने के कारण ही वाराणसी हुआ था।  
*असि को असीगंगा भी कहते हैं- 'संवत् सोलह सौ असी असी गंग के तीर, सावन शुक्ला सप्तमी तुलसी तज्यौ शरीर'- इस प्रचलित दोहे से यह भी ज्ञात होता है कि महाकवि [[तुलसीदास|तुलसी]] ने इसी नदी के तट पर संभवत: वर्तमान अस्सी घाट के पास अपनी इहलीला समाप्त की थी।  
*इस नदि से संबंधित दोहे से यह भी ज्ञात होता है कि महाकवि [[तुलसीदास|तुलसी]] ने इसी नदी के तट पर संभवत: वर्तमान अस्सी घाट के पास अपनी इहलीला समाप्त की थी।  
<blockquote>''''संवत् सोलह सौ असी असी गंग के तीर,''' <br />
'''सावन शुक्ला सप्तमी तुलसी तज्यौ शरीर''''</blockquote>


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06:27, 21 फ़रवरी 2011 का अवतरण

असि नदी, वाराणसी
  • असि नदी वाराणसी के निकट गंगा नदी में मिलने वाली एक प्रसिद्ध छोटी शाखानदी है। असि को असीगंगा भी कहते हैं।
  • कहते हैं इस नगरी का नाम असी और वरुणा नदियों के बीच में स्थित होने के कारण ही वाराणसी हुआ था।
  • इस नदि से संबंधित दोहे से यह भी ज्ञात होता है कि महाकवि तुलसी ने इसी नदी के तट पर संभवत: वर्तमान अस्सी घाट के पास अपनी इहलीला समाप्त की थी।

'संवत् सोलह सौ असी असी गंग के तीर,
सावन शुक्ला सप्तमी तुलसी तज्यौ शरीर'


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