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====फ़िल्में====
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वाराणसी (बनारस) की संस्कृति उसकी पृष्ठभूमि पर आधारित कई फ़िल्मो का निर्माण [[भारत]] वर्ष में हुआ है। जिनमें से कुछ प्रमुख फ़िल्में निन्मलिखित हैं-
भारतीय सिनेमा में वाराणसी की संस्कृति और उसकी पृष्ठभूमि पर आधारित कई फ़िल्मों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। जिनमें से कुछ प्रमुख फ़िल्में निम्नलिखित हैं-
; बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी
; बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी
'''बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी''' बनारस शहर में बनी '''पंकज पराशर''' द्वारा निर्देशित एक [[हिन्दी]] फ़िल्म है। बॉलीवुड को ‘चालबाज’ और ‘जलवा’ जैसी हिट फ़िल्में देने वाले निर्देश '''पंकज पराशर''' की इस नई फ़िल्म में बनारस की गलियों, घाटों और मंदिरों को एक प्रेम कहानी में पिरोया गया है। आठ करोड़ की लागत वाली इस फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह, डिंपल कपाड़िया, उर्मिला मातोंडकर, अस्मित पटेल और आकाश खुराना ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं। इसके निर्माता एलसी सिंह हैं। निर्देशक पंकज पराशर बताते हैं, "फ़िल्म में [[काशी हिंदू विश्वविद्यालय|बनारस हिंदू विश्वविद्यालय]] में भौतिक विज्ञान की छात्रा उर्मिला को संगीत शिक्षक अस्मित पटेल से प्यार हो जाता है। उसके बाद दो पीढ़ियों में सिद्धांतों का टकराव शुरू होता है। " वे कहते हैं, "यह दो वर्गों के बीच रोमांस की कहानी है, लेकिन बनारस की पृष्ठभूमि में होने के कारण यह एक अलग ही रूप अख्तियार कर लेती है।
'''बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी''' बनारस शहर में बनी '''पंकज पराशर''' द्वारा निर्देशित एक [[हिन्दी]] फ़िल्म है। बॉलीवुड को ‘चालबाज’ और ‘जलवा’ जैसी हिट फ़िल्में देने वाले निर्देश '''पंकज पराशर''' की इस नई फ़िल्म में बनारस की गलियों, घाटों और मंदिरों को एक प्रेम कहानी में पिरोया गया है। आठ करोड़ की लागत वाली इस फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह, डिंपल कपाड़िया, उर्मिला मातोंडकर, अस्मित पटेल और आकाश खुराना ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं। इसके निर्माता एलसी सिंह हैं। निर्देशक पंकज पराशर बताते हैं, फ़िल्म में [[काशी हिंदू विश्वविद्यालय|बनारस हिंदू विश्वविद्यालय]] में भौतिक विज्ञान की छात्रा उर्मिला को संगीत शिक्षक अस्मित पटेल से प्यार हो जाता है। उसके बाद दो पीढ़ियों में सिद्धांतों का टकराव शुरू होता है। वे कहते हैं, "यह दो वर्गों के बीच रोमांस की कहानी है, लेकिन बनारस की पृष्ठभूमि में होने के कारण यह एक अलग ही रूप अख्तियार कर लेती है।"
; जोइ बाबा फेलुनाथ
; जोइ बाबा फेलुनाथ
जोइ बाबा फेलुनाथ ([[1979]]) [[बंगाली]] निर्देशक [[सत्यजीत रे]] द्वारा निर्देशित एक फ़िल्म है। इस फ़िल्म के अभिनेता सौमित्र चटर्जी, संतोष दत्ता, सिद्दार्थ चटर्जी, उत्पल दत्त आदि हैं। यह फ़िल्म सत्यजीत रे के प्रसिद्ध उपन्यास '''फैलुदा''' पर आधारित है।
जोइ बाबा फेलुनाथ ([[1979]]) [[भारत रत्न]] सम्मानित निर्देशक [[सत्यजीत रे]] द्वारा निर्देशित एक बांग्ला फ़िल्म है। इस फ़िल्म के अभिनेता सौमित्र चटर्जी, संतोष दत्ता, सिद्दार्थ चटर्जी, उत्पल दत्त आदि हैं। यह फ़िल्म सत्यजीत रे के प्रसिद्ध उपन्यास '''फैलुदा''' पर आधारित है।
 
; डॉन (1978)
[[1978]] की सुपरहिट [[हिन्दी]] फ़िल्म डॉन का गाना '''खई के पान बनारस वाला'' [[अमिताभ बच्चन]] के साथ '''बनारसी पान''' की प्रशंसा में गाया गया था और बहुत लोकप्रिय हुआ था।
[[1978]] की सुपरहिट [[हिन्दी]] फ़िल्म डॉन का गाना '''खई के पान बनारस वाला'' [[अमिताभ बच्चन]] के साथ '''बनारसी पान''' की प्रशंसा में गाया गया था और बहुत लोकप्रिय हुआ था।

10:00, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण

मनोरंजन

फ़िल्में

भारतीय सिनेमा में वाराणसी की संस्कृति और उसकी पृष्ठभूमि पर आधारित कई फ़िल्मों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। जिनमें से कुछ प्रमुख फ़िल्में निम्नलिखित हैं-

बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी

बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी बनारस शहर में बनी पंकज पराशर द्वारा निर्देशित एक हिन्दी फ़िल्म है। बॉलीवुड को ‘चालबाज’ और ‘जलवा’ जैसी हिट फ़िल्में देने वाले निर्देश पंकज पराशर की इस नई फ़िल्म में बनारस की गलियों, घाटों और मंदिरों को एक प्रेम कहानी में पिरोया गया है। आठ करोड़ की लागत वाली इस फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह, डिंपल कपाड़िया, उर्मिला मातोंडकर, अस्मित पटेल और आकाश खुराना ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं। इसके निर्माता एलसी सिंह हैं। निर्देशक पंकज पराशर बताते हैं, फ़िल्म में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान की छात्रा उर्मिला को संगीत शिक्षक अस्मित पटेल से प्यार हो जाता है। उसके बाद दो पीढ़ियों में सिद्धांतों का टकराव शुरू होता है। वे कहते हैं, "यह दो वर्गों के बीच रोमांस की कहानी है, लेकिन बनारस की पृष्ठभूमि में होने के कारण यह एक अलग ही रूप अख्तियार कर लेती है।"

जोइ बाबा फेलुनाथ

जोइ बाबा फेलुनाथ (1979) भारत रत्न सम्मानित निर्देशक सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित एक बांग्ला फ़िल्म है। इस फ़िल्म के अभिनेता सौमित्र चटर्जी, संतोष दत्ता, सिद्दार्थ चटर्जी, उत्पल दत्त आदि हैं। यह फ़िल्म सत्यजीत रे के प्रसिद्ध उपन्यास फैलुदा पर आधारित है।

डॉन (1978)

1978 की सुपरहिट हिन्दी फ़िल्म डॉन का गाना खई के पान बनारस वाला अमिताभ बच्चन के साथ बनारसी पान' की प्रशंसा में गाया गया था और बहुत लोकप्रिय हुआ था।