"हिन्दी सामान्य ज्ञान 4": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "हिंदी" to "हिन्दी") |
No edit summary |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{ | {[[हिन्दी]] साहित्य के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | - जार्ज ग्रियर्सन | ||
- | +गार्सा द तासी | ||
- | -शिवसिंह सेंगर | ||
-[[रामचन्द्र शुक्ल|आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] | |||
{' | {'पद्मावत' किसकी रचना है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -नाभादास | ||
-[[ | -[[केशवदास]] | ||
+[[ | +[[मलिक मुहम्मद जायसी]] | ||
-[[ | -[[तुलसीदास]] | ||
{' | {'बैताल पच्चीसी' के रचनाकार हैं- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[लल्लू लालजी]] | ||
- | -[[सदल मिश्र]] | ||
+ | +सूरति मिश्र | ||
- | -नाभादास | ||
{' | {'लहरें व्योम चूमती उठती। चपलाएँ असंख्य नचती।' पंक्ति [[जयशंकर प्रसाद]] के किस रचना का अंश है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -लहर | ||
- | -झरना | ||
- | -आँसू | ||
+ | +कामायनी | ||
{किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है? | {किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है? | ||
पंक्ति 73: | पंक्ति 72: | ||
-प्रपंचबुद्धि | -प्रपंचबुद्धि | ||
{' | {'दोहाकोश' के रचयिता हैं- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -लुइपा | ||
+ | -जोइन्दु | ||
+सरहपा | |||
- | -कण्हपा | ||
{' | {'प्रेमसागर' के रचनाकार हैं- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[सदल मिश्र]] | ||
- | -उसमान | ||
+[[लल्लू लालजी]] | |||
+[[ | -सुन्दर दास | ||
{'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता, अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है? | {'यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता, अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।' यह कथन किस आलोचक का है? | ||
पंक्ति 109: | पंक्ति 107: | ||
-धर्मवीर भारती | -धर्मवीर भारती | ||
+सुभद्रा कुमारी चौहान | +सुभद्रा कुमारी चौहान | ||
{'आँसू' (काव्य) के रचयिता हैं- | |||
|type="()"} | |||
-[[सुमित्रानंदन पंत]] | |||
+[[जयशंकर प्रसाद]] | |||
-[[मैथिलीशरण गुप्त]] | |||
-[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | |||
|| [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | |||
{'संदेश रासक' के रचयिता हैं? | {'संदेश रासक' के रचयिता हैं? | ||
पंक्ति 124: | पंक्ति 130: | ||
+[[कबीरदास]] | +[[कबीरदास]] | ||
|| [[चित्र:Kabirdas.jpg|कबीरदास|150px|right]] कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु [[स्वामी रामानंद|रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]] | || [[चित्र:Kabirdas.jpg|कबीरदास|150px|right]] कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु [[स्वामी रामानंद|रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]] | ||
{लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? | {लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? |
06:20, 28 फ़रवरी 2011 का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
पन्ने पर जाएँ
इस सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी में कुल 15 प्रश्न हैं। इसे हल करने के उपरांत पन्ने के नीचे की ओर "परिणाम देखें" पर क्लिक करें और उत्तरों का मिलान करें साथ ही अर्जित अंक भी देखें। |
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान