"विष्‍णु चरणपादुका वाराणसी": अवतरणों में अंतर

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*इसे संगमरमर से चिन्हित किया गया है।  
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*इसे [[काशी]] का पवित्रतम स्‍थान कहा जाता है।  
*इसे [[काशी]] का पवित्रतम स्‍थान कहा जाता है।  
*अनुश्रुति है कि भगवान [[विष्णु]] ने यहाँ ध्‍यान लगाया था।  
*[[अनुश्रुति]] है कि भगवान [[विष्णु]] ने यहाँ ध्‍यान लगाया था।  
*इसी के समीप मणिकार्णिका कुण्‍ड है।  
*इसी के समीप मणिकार्णिका कुण्‍ड है।  
*माना जाता है कि भगवान [[शिव]] का मणि तथा देवी [[पार्वती]] का कर्णफूल इस कुण्‍ड में गिरा था।  
*माना जाता है कि भगवान [[शिव]] का मणि तथा देवी [[पार्वती]] का कर्णफूल इस कुण्‍ड में गिरा था।  
*चक्रपुष्‍करर्णी एक चौकोर कुण्‍ड है। इसके चारों ओर लोहे की रेलिंग बनी हुई है।  
*चक्रपुष्‍करर्णी एक चौकोर कुण्‍ड है। इसके चारों ओर लोहे की रेलिंग बनी हुई है।  
*इसे विश्‍व को पहला कुण्‍ड माना जाता है।
*इसे विश्‍व का पहला कुण्‍ड माना जाता है।


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06:50, 8 मार्च 2011 का अवतरण

वाराणसी वाराणसी पर्यटन वाराणसी ज़िला
  • मणिकार्णिका घाट के समीप विष्‍णु चरणपादुका है।
  • इसे संगमरमर से चिन्हित किया गया है।
  • इसे काशी का पवित्रतम स्‍थान कहा जाता है।
  • अनुश्रुति है कि भगवान विष्णु ने यहाँ ध्‍यान लगाया था।
  • इसी के समीप मणिकार्णिका कुण्‍ड है।
  • माना जाता है कि भगवान शिव का मणि तथा देवी पार्वती का कर्णफूल इस कुण्‍ड में गिरा था।
  • चक्रपुष्‍करर्णी एक चौकोर कुण्‍ड है। इसके चारों ओर लोहे की रेलिंग बनी हुई है।
  • इसे विश्‍व का पहला कुण्‍ड माना जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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