"कलश": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "महत्व" to "महत्त्व")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{incomplete}}
{{incomplete}}
*धार्मिक विधियों में कलश की स्थापना का एक महत्वपूर्ण विधि है।  
*धार्मिक विधियों में कलश की स्थापना का एक महत्त्वपूर्ण विधि है।  
*इसमें [[जल]] देवता, [[वरुण]] की पूजा होती है।  
*इसमें [[जल]] देवता, [[वरुण]] की पूजा होती है।  
*यह अनुष्ठान शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है।  
*यह अनुष्ठान शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है।  

10:22, 13 मार्च 2011 का अवतरण

पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।
  • धार्मिक विधियों में कलश की स्थापना का एक महत्त्वपूर्ण विधि है।
  • इसमें जल देवता, वरुण की पूजा होती है।
  • यह अनुष्ठान शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है।
  • एक अथवा एक से अधिक कलशों की (108 कलशों) की स्थापना की जाती है।
  • कलश के एक ही प्रतीक में सभी देवता, सप्त सागर, सप्त सरिता, पृथ्वी, चारों वेद, गायत्री सभी के पापक्षय और शांति के लिए समंवय किया गया है।
  • जल से भरे कलश के अंदर आम्रपल्लव और उसके ऊपर नारियल रख कर पूजा की जाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख