"देवघर पर्यटन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "महत्व" to "महत्त्व") |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|प्रवास=देवघर प्रवास | |प्रवास=देवघर प्रवास | ||
}} | }} | ||
[[झारखंड]] कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत | [[झारखंड]] कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:- | ||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== | ||
[[चित्र:Vaidyanath-Temple.jpg|[[वैद्यनाथ मन्दिर]], [[देवघर]]<br /> Vaidyanath Temple, Deogarh|thumb]] | [[चित्र:Vaidyanath-Temple.jpg|[[वैद्यनाथ मन्दिर]], [[देवघर]]<br /> Vaidyanath Temple, Deogarh|thumb]] |
10:32, 13 मार्च 2011 का अवतरण
देवघर | देवघर पर्यटन | देवघर ज़िला |
झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-
पर्यटन स्थल
वैद्यनाथ धाम
मुख्य लेख : वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
- ज्योतिर्लिंगों की गणना में श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का नौवाँ स्थान बताया गया है।
- भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथधाम कहा जाता है।
- यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के सन्थाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।
वासुकीनाथ मन्दिर
मुख्य लेख : वासुकीनाथ देवघर
- वासुकीनाथ अपने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है।
- बैद्यनाथ मंदिर की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक वासुकीनाथ में दर्शन नहीं किए जाते।
- यह मंदिर देवघर से 45.20 किमी. दूर स्थित हिन्दुओं का यह तीर्थ स्थल दुमका ज़िले में स्थित है।
बैजू मंदिर
मुख्य लेख : बैजू देवघर
- बाबा वैद्यनाथ मंदिर परिसर के पश्चिम में देवघर के मुख्य बाज़ार में तीन और मंदिर भी हैं।
- इन्हें बैजू मंदिर के नाम से जाना जाता है।
त्रिकुट
मुख्य लेख : त्रिकुट देवघर
- देवघर से 16 किमी. दूर दुमका रोड पर एक ख़ूबसूरत पर्वत त्रिकूट स्थित है।
- इस पहाड़ पर बहुत सारी गुफाएं और झरनें हैं।
नौलखा मंदिर
मुख्य लेख : नौलखा मंदिर देवघर
- देवघर के बाहरी हिस्से में स्थित यह मंदिर अपने वास्तुशिल्प की ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है।
- इस मंदिर का निर्माण बालानंद ब्रह्मचारी के एक अनुयायी ने किया था।
नंदन पहाड़
मुख्य लेख : नंदन पहाड़ देवघर
- इस पर्वत की महत्ता यहाँ बने मंदिरों के झुंड के कारण है।
- जो विभिन्न भगवानों को समर्पित हैं।
सत्संग आश्रम
मुख्य लेख : सत्संग आश्रम देवघर
- ठाकुर अनुकूलचंद्र के अनुयायियों के लिए यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
- सर्व धर्म मंदिर के अलावा यहाँ पर एक संग्रहालय और चिड़ियाघर भी है।
|
|
|
|
|
संबंधित लेख