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*[[सिकन्दर]] के आक्रमण के समय अभिसार जनपद का राजा था।  
*[[सिकन्दर]] के आक्रमण के समय अभिसार जनपद का राजा था।  
*वह बड़ा चतुर राजनीतिज्ञ था।  
*वह बड़ा चतुर राजनीतिज्ञ था।  
*जब सिकन्दर [[तक्षशिला]] पहुँचा तो उसने कहवाया कि मैं [[यवन]] आक्रमणकारियों के सामने आत्म समर्पण करने को तैयार हूँ।  
*जब सिकन्दर [[तक्षशिला]] पहुँचा तो उसने कहलवाया कि मैं [[यवन]] आक्रमणकारियों के सामने आत्म समर्पण करने को तैयार हूँ।  
*इसके साथ ही वह पौरस से मिलकर सिकन्दर से लड़ने के लिए भी संधि वार्ता चलाता रहा।  
*इसके साथ ही वह पौरस से मिलकर सिकन्दर से लड़ने के लिए भी संधि वार्ता चलाता रहा।  
*यह वार्ता सफल नहीं हो सकी और अन्त में अभिसार जनपद के राजा को सिकन्दर के सामने आत्म समर्पण करने के लिए बाध्य हो जाना पड़ा।
*यह वार्ता सफल नहीं हो सकी और अन्त में अभिसार जनपद के राजा को सिकन्दर के सामने आत्म समर्पण करने के लिए बाध्य हो जाना पड़ा।

18:08, 14 मार्च 2011 का अवतरण

  • सिकन्दर के आक्रमण के समय अभिसार जनपद का राजा था।
  • वह बड़ा चतुर राजनीतिज्ञ था।
  • जब सिकन्दर तक्षशिला पहुँचा तो उसने कहलवाया कि मैं यवन आक्रमणकारियों के सामने आत्म समर्पण करने को तैयार हूँ।
  • इसके साथ ही वह पौरस से मिलकर सिकन्दर से लड़ने के लिए भी संधि वार्ता चलाता रहा।
  • यह वार्ता सफल नहीं हो सकी और अन्त में अभिसार जनपद के राजा को सिकन्दर के सामने आत्म समर्पण करने के लिए बाध्य हो जाना पड़ा।


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