"आलम ख़ाँ": अवतरणों में अंतर

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*जब वह अपने बल पर इब्राहीम लोदी को गद्दी से नहीं हटा सका तो उसने [[लाहौर]] के हाक़िम दौलत ख़ाँ लोदी से मिलकर [[बाबर]] को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए निमंत्रण दिया।  
*जब वह अपने बल पर इब्राहीम लोदी को गद्दी से नहीं हटा सका तो उसने [[लाहौर]] के हाक़िम दौलत ख़ाँ लोदी से मिलकर [[बाबर]] को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए निमंत्रण दिया।  
*इसके फलस्वरूप बाबर ने [[भारत]] पर हमला किया और [[पानीपत]] की [[पानीपत युद्ध प्रथम|पहली लड़ाई]] (1526 ई.) में इब्राहीम लोदी को हराने के बाद मौत के घाट उतार दिया।  
*इसके फलस्वरूप बाबर ने [[भारत]] पर हमला किया और [[पानीपत]] की [[पानीपत युद्ध प्रथम|पहली लड़ाई]] (1526 ई.) में इब्राहीम लोदी को हराने के बाद मौत के घाट उतार दिया।  
*इसके तदुपरान्त बाबर स्वयं दिल्ली के तख़्त पर बैठ गया और [[आलमशाह द्वितीय|आलमशाह]] की सारी उम्मीदों पर पानी फ़िर गया।  
*इसके तदुपरान्त बाबर स्वयं दिल्ली के तख़्त पर बैठ गया और [[आलमशाह द्वितीय|आलमशाह]] की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया।  
*आलम ख़ाँ की कुछ समय के बाद मृत्यु हो गई।  
*आलम ख़ाँ की कुछ समय के बाद मृत्यु हो गई।  



18:16, 14 मार्च 2011 का अवतरण

  • आलम ख़ाँ सुल्तान बहलोल लोदी (1451-89 ई.) का तीसरा बेटा था और दिल्ली के अन्तिम सुल्तान इब्राहीम लोदी (1517-26 ई.) का चाचा था।
  • आलम ख़ाँ अपने भतीजे की अपेक्षा अपने को दिल्ली की सल्तनत का असली हक़दार समझता था।
  • जब वह अपने बल पर इब्राहीम लोदी को गद्दी से नहीं हटा सका तो उसने लाहौर के हाक़िम दौलत ख़ाँ लोदी से मिलकर बाबर को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए निमंत्रण दिया।
  • इसके फलस्वरूप बाबर ने भारत पर हमला किया और पानीपत की पहली लड़ाई (1526 ई.) में इब्राहीम लोदी को हराने के बाद मौत के घाट उतार दिया।
  • इसके तदुपरान्त बाबर स्वयं दिल्ली के तख़्त पर बैठ गया और आलमशाह की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
  • आलम ख़ाँ की कुछ समय के बाद मृत्यु हो गई।



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