"ड्रेक रोगर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*ड्रेक रोगर क़िले की रक्षा करने के बजाय स्त्री-बच्चों को लेकर नदी में खड़े एक जहाज़ पर सवार होकर भाग खड़ा हुआ। | *ड्रेक रोगर क़िले की रक्षा करने के बजाय स्त्री-बच्चों को लेकर नदी में खड़े एक जहाज़ पर सवार होकर भाग खड़ा हुआ। | ||
*ड्रेक रोगर ने क़िले की रक्षा करने वाली सेना को उसके भाग्य पर ही छोड़ दिया और कलकत्ता से दक्षिण की ओर भाग गया। | *ड्रेक रोगर ने क़िले की रक्षा करने वाली सेना को उसके भाग्य पर ही छोड़ दिया और कलकत्ता से दक्षिण की ओर भाग गया। | ||
*[[जनवरी]] 1757 ई. में जब वाटसन तथा | *[[जनवरी]] 1757 ई. में जब वाटसन तथा क्लाइव ने पुन: कलकत्ता पर अधिकार कर लिया तो ड्रेक को फिर से गवर्नर बना दिया गया। इसके बाद ड्रेक के बारे में कोई उल्लेख नहीं मिलता।<ref>(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-185</ref> | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |
05:05, 15 मार्च 2011 का अवतरण
- जून 1756 ई. में जब नवाब सिराजुद्दौला ने कलकत्ता पर हमला किया तो ईस्ट इंडिया कम्पनी के फ़ोर्ट विलियम का ड्रेक रोगर गवर्नर था।
- ड्रेक रोगर क़िले की रक्षा करने के बजाय स्त्री-बच्चों को लेकर नदी में खड़े एक जहाज़ पर सवार होकर भाग खड़ा हुआ।
- ड्रेक रोगर ने क़िले की रक्षा करने वाली सेना को उसके भाग्य पर ही छोड़ दिया और कलकत्ता से दक्षिण की ओर भाग गया।
- जनवरी 1757 ई. में जब वाटसन तथा क्लाइव ने पुन: कलकत्ता पर अधिकार कर लिया तो ड्रेक को फिर से गवर्नर बना दिया गया। इसके बाद ड्रेक के बारे में कोई उल्लेख नहीं मिलता।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-185