"खेह": अवतरणों में अंतर
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08:54, 21 मार्च 2011 का अवतरण
| हिन्दी | राख, धूल, मिट्टी, भस्म। |
| -व्याकरण | स्त्रीलिंग |
| -उदाहरण | तन ह्वै है जरि खेह।[1] |
| -विशेष | स्त्रियों द्वारा गाली के रूप में बैरिन के मुख खेह लगे[2] का प्रयोग होता है। |
| -विलोम | |
| -पर्यायवाची | धूलि, क्षिति क्षोद, क्षोद, ख़ाक, गर्द, ग़ुबार, छार, धूलिका, पराग, पांशू, रेणु, रेनु, वातकेतु। |
| संस्कृत | |
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