"बहिःक्षेपण": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
10:07, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण
(अंग्रेज़ी:Egestion) बहिःक्षेपण अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से सबंधित उल्लेख है। बहिःक्षेपण या मल परित्याग जन्तुओं के पोषण की पाँच अवस्थाओं में से एक हैं। पाचन क्रिया में भोजन का कुछ भाग अपचित के रूप में शेष रह जाता है। इस अपचित अंश को मल के रूप में शरीर से बाहर त्यागने की क्रिया को बहिःक्षेपण कहते हैं। अमीबा, पैरामीशियम आदि में अपचित भोजन खाद्य रिक्तिका में ही रहता है और बाद में विसर्जित कर दिया जाता है। मनुष्य आदि उच्च श्रेणी के प्राणियों में अपचित भोजन बड़ी आन्त्र में आ जाता है, जहाँ बहुत सा पानी अवशोषित हो जाता है। शेष भाग मलाशय में एकत्र होता रहता है और समय–समय पर मल के रूप में गुदा के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ