"रिदांल्फ़ो अकविवा": अवतरणों में अंतर
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*[[सितम्बर]], 1579 ई. में बादशाह [[अकबर]] की प्रार्थना पर अकविवा, फ़ादर रिदांल्फ़ो और पादरी मोंसेरेत को गोवा की [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] सरकार ने अकबर के दरबार में [[फ़तेहपुर सीकरी]] भेजा था। ये दोनों पादरी [[ | *[[सितम्बर]], 1579 ई. में बादशाह [[अकबर]] की प्रार्थना पर अकविवा, फ़ादर रिदांल्फ़ो और पादरी मोंसेरेत को गोवा की [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] सरकार ने अकबर के दरबार में [[फ़तेहपुर सीकरी]] भेजा था। ये दोनों पादरी [[फ़रवरी]] 1580 ई. में फ़तेहपुर सीकरी पहुँचे, जहाँ बादशाह ने उनका सम्मानपूर्वक स्वागत किया। | ||
*अकविवा बड़ा विद्वान था और बादशाह अकबर उसका बड़ा सम्मान करता था। | *अकविवा बड़ा विद्वान था और बादशाह अकबर उसका बड़ा सम्मान करता था। | ||
*वह अकबर के दरबार में काफ़ी समय तक रहा। | *वह अकबर के दरबार में काफ़ी समय तक रहा। |
11:14, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- अकविवा, फ़ादर रिदांल्फ़ो गोवा में धर्मप्रचार करने वाला जेसुइट सम्प्रदाय का पादरी था।
- सितम्बर, 1579 ई. में बादशाह अकबर की प्रार्थना पर अकविवा, फ़ादर रिदांल्फ़ो और पादरी मोंसेरेत को गोवा की पुर्तग़ाली सरकार ने अकबर के दरबार में फ़तेहपुर सीकरी भेजा था। ये दोनों पादरी फ़रवरी 1580 ई. में फ़तेहपुर सीकरी पहुँचे, जहाँ बादशाह ने उनका सम्मानपूर्वक स्वागत किया।
- अकविवा बड़ा विद्वान था और बादशाह अकबर उसका बड़ा सम्मान करता था।
- वह अकबर के दरबार में काफ़ी समय तक रहा।
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