"हसदो नदी": अवतरणों में अंतर
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यह नदी [[छत्तीसगढ़]] राज्य में कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चांपा मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उदगम स्थल कोरिया की पहाड़ियाँ हैं। | यह नदी [[छत्तीसगढ़]] राज्य में कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चांपा मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उदगम स्थल कोरिया की पहाड़ियाँ हैं। | ||
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उदगम स्थल से निकलकर यह मार्तन एवं उपरोड़ा की चट्टानों एवं सघन वनाच्छादित धरातल में प्रवेश करती है, जो कठघोरा के निकट स्थित मैदानी भाग का उत्तरी-पूर्वी किनारा है। यहाँ से चांपा मैदान में बहती हुई शिवरीनारायण से 8 | उदगम स्थल से निकलकर यह मार्तन एवं उपरोड़ा की चट्टानों एवं सघन वनाच्छादित धरातल में प्रवेश करती है, जो कठघोरा के निकट स्थित मैदानी भाग का उत्तरी-पूर्वी किनारा है। यहाँ से चांपा मैदान में बहती हुई शिवरीनारायण से 8 किलोमीटर की दूरी पर [[महानदी]] में मिलती है। [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा ज़िले]] से निकलकर [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] में प्रविष्ट होने के 29 किलोमीटर के पश्चात् इसके दाहिने तट पर [[गज नदी]] आकर मिलती है। हसदो का उत्तरी भाग संकरा एवं गहरा है। यह नदी चीर बालू के लिए प्रसिद्ध है। | ||
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बाँगो के समीप इसमें तीन नदियाँ आकर मिलती हैं। इस संगम के पश्चात् नदी का तल चौड़ा, रेतीला एवं दीपयुक्त हो गया है। हसदो एवं उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र के नीचे गोण्डवाना का चट्टानी धरातल है। अतएव चट्टानी संरचना की आयताकार सन्धियों एवं विभागों का अनुसरण करने के कारण यह साधारणतः आयताकार प्रवाह प्रणाली की रचना करती है। कहीं-कहीं वृत्ताकार प्रवाह प्रणाली भी दिखाई देती है। नदी प्रौढ़ है तथा निष्कोण वक्र बनाती है। हसदो का प्रवाह क्षेत्र अधिकांशतः ऊबड़-खाबड़ है। | बाँगो के समीप इसमें तीन नदियाँ आकर मिलती हैं। इस संगम के पश्चात् नदी का तल चौड़ा, रेतीला एवं दीपयुक्त हो गया है। हसदो एवं उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र के नीचे गोण्डवाना का चट्टानी धरातल है। अतएव चट्टानी संरचना की आयताकार सन्धियों एवं विभागों का अनुसरण करने के कारण यह साधारणतः आयताकार प्रवाह प्रणाली की रचना करती है। कहीं-कहीं वृत्ताकार प्रवाह प्रणाली भी दिखाई देती है। नदी प्रौढ़ है तथा निष्कोण वक्र बनाती है। हसदो का प्रवाह क्षेत्र अधिकांशतः ऊबड़-खाबड़ है। | ||
==प्रवाह क्षेत्र== | ==प्रवाह क्षेत्र== | ||
हसदो की सहायक नदियाँ बेसिन में उतरते ही छोटे-छोटे प्रपात बनाती है। सरगुजा ज़िले में नदी का प्रवाह क्षेत्र 3,710 वर्ग | हसदो की सहायक नदियाँ बेसिन में उतरते ही छोटे-छोटे प्रपात बनाती है। सरगुजा ज़िले में नदी का प्रवाह क्षेत्र 3,710 वर्ग किलोमीटर है। यह कुल प्रवाह क्षेत्र का 17% है। बिलासपुर ज़िले में नदी की लम्बाई 192 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 3,500 वर्ग किलोमीटर है, जो ज़िले के कुल प्रवाह क्षेत्र का 17.8% है। | ||
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05:44, 30 मार्च 2011 का अवतरण
यह नदी छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चांपा मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उदगम स्थल कोरिया की पहाड़ियाँ हैं।
प्रवाह स्थल
उदगम स्थल से निकलकर यह मार्तन एवं उपरोड़ा की चट्टानों एवं सघन वनाच्छादित धरातल में प्रवेश करती है, जो कठघोरा के निकट स्थित मैदानी भाग का उत्तरी-पूर्वी किनारा है। यहाँ से चांपा मैदान में बहती हुई शिवरीनारायण से 8 किलोमीटर की दूरी पर महानदी में मिलती है। सरगुजा ज़िले से निकलकर बिलासपुर ज़िले में प्रविष्ट होने के 29 किलोमीटर के पश्चात् इसके दाहिने तट पर गज नदी आकर मिलती है। हसदो का उत्तरी भाग संकरा एवं गहरा है। यह नदी चीर बालू के लिए प्रसिद्ध है।
संगम
बाँगो के समीप इसमें तीन नदियाँ आकर मिलती हैं। इस संगम के पश्चात् नदी का तल चौड़ा, रेतीला एवं दीपयुक्त हो गया है। हसदो एवं उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र के नीचे गोण्डवाना का चट्टानी धरातल है। अतएव चट्टानी संरचना की आयताकार सन्धियों एवं विभागों का अनुसरण करने के कारण यह साधारणतः आयताकार प्रवाह प्रणाली की रचना करती है। कहीं-कहीं वृत्ताकार प्रवाह प्रणाली भी दिखाई देती है। नदी प्रौढ़ है तथा निष्कोण वक्र बनाती है। हसदो का प्रवाह क्षेत्र अधिकांशतः ऊबड़-खाबड़ है।
प्रवाह क्षेत्र
हसदो की सहायक नदियाँ बेसिन में उतरते ही छोटे-छोटे प्रपात बनाती है। सरगुजा ज़िले में नदी का प्रवाह क्षेत्र 3,710 वर्ग किलोमीटर है। यह कुल प्रवाह क्षेत्र का 17% है। बिलासपुर ज़िले में नदी की लम्बाई 192 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 3,500 वर्ग किलोमीटर है, जो ज़िले के कुल प्रवाह क्षेत्र का 17.8% है।
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