"जामी मस्जिद जौनपुर": अवतरणों में अंतर
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*इस मस्जिद में बने मेहराबों में बीम या लिंटर का प्रयोग [[तुग़लक़ वंश|तुग़लक़]] शैली में किया गया है। | *इस मस्जिद में बने मेहराबों में बीम या लिंटर का प्रयोग [[तुग़लक़ वंश|तुग़लक़]] शैली में किया गया है। | ||
*मस्जिद में लगी जालियों से घिरी गैलरी की बनावट [[जौनपुर]] शैली की | *मस्जिद में लगी जालियों से घिरी गैलरी की बनावट [[जौनपुर]] शैली की महत्त्वपूर्ण विशेषता है। | ||
*मस्जिद से लगे अहाते में हुसैनशाह एवं उसके परिवार के लोगों की कब्रें स्थित हैं। | *मस्जिद से लगे अहाते में हुसैनशाह एवं उसके परिवार के लोगों की कब्रें स्थित हैं। | ||
*मस्जिद से लगे फव्वारों में [[हिन्दू]] शैली का प्रभाव दिखता है। | *मस्जिद से लगे फव्वारों में [[हिन्दू]] शैली का प्रभाव दिखता है। |
12:53, 6 अप्रैल 2011 का अवतरण
- जामी मस्जिद का निर्माण 1470 ई. में हुसैनशाह शर्की द्वारा करवाया गया था।
- जामी मस्जिद 'बड़ी मस्जिद' के नाम से भी जानी जाती है।
- इस मस्जिद में बने मेहराबों में बीम या लिंटर का प्रयोग तुग़लक़ शैली में किया गया है।
- मस्जिद में लगी जालियों से घिरी गैलरी की बनावट जौनपुर शैली की महत्त्वपूर्ण विशेषता है।
- मस्जिद से लगे अहाते में हुसैनशाह एवं उसके परिवार के लोगों की कब्रें स्थित हैं।
- मस्जिद से लगे फव्वारों में हिन्दू शैली का प्रभाव दिखता है।
- सम्भवतः इस मस्जिद का निर्माण भी किसी हिन्दू मंदिर ध्वंसावशेष पर किया गया है।
- हावले महोदय ने कहा है कि, "अटालादेवी मस्जिद और जामी मस्जिद दोनों ही श्रेष्ठ इमारतें हिन्दू शैली को स्पष्ट करती हैं"।
- इसकी मेहराब मध्य प्रसार पीपल के पत्तों की बनावट की भांति नहीं है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ