"अंगकोरवाट": अवतरणों में अंतर
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05:34, 7 अप्रैल 2011 का अवतरण
यह प्राचीन कंबुज (कम्बोडिया) में स्थित संसार-प्रसिद्ध विष्णुमन्दिर है। इसका निर्माण कंबुज नरेश सूर्यवर्मन ने बारहवीं शती ई. के प्रथम चरण में करवाया था। सूर्यवर्मन विष्णुभक्त था और उसने अपने गुरु दिवाकर पंण्डित की प्ररेणा से अनेक यज्ञ किए थे। वास्तुकला के आश्चर्य, इस देवालय के चारों ओर एक गहराई है, जिसकी लम्बाई ढाई मील और चौड़ाई 650 फ़ुट है। खाई पर पश्चिम कि ओर एक पत्थर का पुल है। मन्दिर के पश्चिमी द्वार के समीप से पहली वीथि तक बना हुआ मार्ग 1560 फ़ुट लम्बा है और भूमितल से सात फ़ुट ऊँचा। पहली वीथि पूर्व से पश्चिम 800 फ़ुट और उत्तर से दक्षिण 675 फ़ुट लम्बी है। मन्दिर के मध्यवर्ती शिखर की ऊँचाई भूमितल से 210 फ़ुट से भी अधिक है। अंगकोरवाट की भव्यता तो उल्लेखनीय है ही, इसके शिल्प की सूक्ष्म विदगधता, नक़्शे की ससमिति, यथार्थ अनुपात तथा सुन्दर अलंकृत मूर्तिकारी भी उत्कृष्ट कला की दृष्टि से कम प्रशंसनीय नहीं है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ