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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{विज्ञान सामान्य ज्ञान}}
{{सामान्य ज्ञान नोट}}
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>


{ "तमाशा" किस राज्य की प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैली है?
|type="()"}
- [[गुजरात]]
+ [[महाराष्ट्र]]
- [[राजस्थान]]
- [[पंजाब]]
||देश के राज्‍यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्‍वरूप 1 मई, 1960 को महाराष्‍ट्र राज्‍य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ। यह राज्‍य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जो पहले चार अलग अलग प्रशासनों के नियंत्रण में था। इनमें मूल ब्रिटिश [[मुंबई]] प्रांत में शामिल दमन तथा [[गोवा]] के बीच का ज़िला, [[हैदराबाद]] के निज़ाम की रियासत के पाँच ज़िले, मध्‍य प्रांत ([[मध्य प्रदेश]]) के दक्षिण के आठ ज़िले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती ज़िलों में मिल गई थीं। {{point}}विस्तार से पढ़ें:-[[महाराष्ट्र]]
{ "कजरी" [[लोक नृत्य]] शैली कहाँ प्रचलित है?
|type="()"}
- [[उड़ीसा]]
- [[मध्य प्रदेश]]
+ [[उत्तर प्रदेश]]
- [[राजस्थान]]
||उत्तर प्रदेश सघन आबादी वाले [[गंगा नदी]] और [[यमुना नदी]] के मैदान में बसा है। लगभग 16 करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश केवल [[भारत]] ही नहीं, बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला उपराष्ट्रीय प्रदेश है। समूचे विश्व के सिर्फ़ पाँच राष्ट्रों चीन, भारत, संयुक्त अमरीका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या ही उत्तर-प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश का भारतीय एवं [[हिन्दू धर्म]] के [[इतिहास]] में बहुत योगदान है। उत्तर प्रदेश आधुनिक इतिहास और राजनीति का सदैव से केन्द्र बिन्दु रहा है। यहाँ के निवासियों ने [[सिपाही क्रांति 1857|स्वतन्त्रता संग्राम]] आन्दोलन में प्रमुख भूमिका निभायी थी। [[इलाहाबाद]] शहर में विख्यात नेताओं- [[मोतीलाल नेहरू]], पुरुषोत्तमदास टन्डन और [[लालबहादुर शास्त्री]] आदि प्रमुख नेताओं का घर था।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[उत्तर प्रदेश]]
{ "बाऊल" [[लोक नृत्य]] शैली कहाँ प्रचलित है?
|type="()"}
+ [[पश्चिम बंगाल]]
- [[उड़ीसा]]
- [[झारखंड]]
- [[मध्य प्रदेश]]
||[[मुग़ल|मुग़लों]] के पश्‍चात आधुनिक बंगाल का इतिहास यूरोपीय तथा अंग्रेज़ी व्‍यापारिक कंपनियों के आगमन से आरंभ होता है। सन 1757 में [[प्लासी]] का युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया जब अंग्रेज़ों ने पहली बार बंगाल और [[भारत]] में अपने पांव जमाए। सन 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने बंगाल का विभाजन कर दिया, लेकिन [[कांग्रेस]] के नेतृत्‍व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे [[सिपाही क्रांति 1857|स्‍वतंत्रता आंदोलन]] की ज्‍वाला और तेज़ी से भड़क उठी, जिसका पटाक्षेप 1947 में देश की आज़ादी और विभाजन के साथ हुआ।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[पश्चिम बंगाल]]
{ "पण्डवानी" किस राज्य की प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैली है?
|type="()"}
- [[उत्तराखंड]]
+ [[छत्तीसगढ़]]
- [[मध्य प्रदेश]]
- [[उत्तर प्रदेश]]
||छठी और बारहवीं शताब्दियों के बीच सरभपूरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंशी शासकों ने इस क्षेत्र पर शासन किया। कलचुरियों ने छत्तीसगढ़ पर सन 980 से लेकर 1791 तक राज किया। सन 1854 में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के आक्रमण के बाद महत्त्व बढ़ गया। सन [[1904]] में संबलपुर [[उड़ीसा]] में चला गया और 'सरगुजा' रियासत बंगाल से छत्तीसगढ़ के पास आ गई। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी झारखण्ड और उड़ीसा से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से, उत्तर में उत्तर प्रदेश और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[छत्तीसगढ़]]
{ "गिद्धा" कहाँ का प्रमुख [[नृत्य कला|नृत्य]] है?
|type="()"}
+ [[पंजाब]]
- [[हरियाणा]]
- [[राजस्थान]]
- [[गुजरात]]
||पंजाब में सिंचाई के लिए 1134 सरकारी नहरें हैं, जिनसे भूमि की सिंचाई होती है। यहाँ सभी प्रकार की खेती होती है। [[कृषि]] प्रधान राज्य होने के कारण कृषि विकास को प्राथमिकता दी जाती है। पंजाब सरकार फ़सलों के विविधीकरण के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। पानी के सही इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करके विभिन्न ज़िलों के सिंचाई क्षेत्र में 0.97 लाख हेक्टेयर को बढ़ावा दिया गया है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्र 50.36 लाख हेक्टेयर है। कुल भूमि में से 42.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होती है।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[पंजाब]]
{ "नौटंकी" कहाँ का प्रमुख नृत्य है?
|type="()"}
- [[गुजरात]]
- [[बिहार]]
+ [[उत्तर प्रदेश]]
- [[पश्चिम बंगाल]]
||उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत प्राचीन है। उत्तर वैदिक काल में इसे 'ब्रहर्षि देश' या 'मध्य देश' के नाम से जाना जाता था। उत्तर प्रदेश वैदिक काल में कई महान ऋषि-मुनियों, जैसे - [[भारद्वाज]], [[गौतम]], [[याज्ञवल्क्य]], [[वसिष्ठ]], [[विश्वामित्र]] और [[वाल्मीकि]] आदि की तपोभूमि रहा है। कई पवित्र पुस्तकों की रचना भी यहीं हुई। [[भारत]] के दो मुख्य महाकाव्य [[रामायण]] और [[महाभारत]] की कथा भी यहीं की है।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[उत्तर प्रदेश]]
{ "लावणी" किस राज्य का प्रसिद्ध [[लोक नृत्य]] है?
|type="()"}
- [[उड़ीसा]]
+ [[महाराष्ट्र]]
- [[राजस्थान]]
- [[हिमाचल प्रदेश]]
||[[सिपाही क्रांति 1857|स्‍वतंत्रता संग्राम]] में महाराष्‍ट्र सबसे आगे था। [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] का जन्‍म भी यहीं हुआ। [[मुंबई]] तथा महाराष्‍ट्र के अन्‍य शहरों के अनगिनत नेताओं ने पहले तिलक और बाद में [[महात्मा गांधी]] के मार्गदर्शन में कांग्रेस के आंदोलन को आगे बढाया। गांधी जी ने भी अपने आंदोलन का केंद्र महाराष्‍ट्र को बनाया था और गांधी युग में राष्‍ट्रवादी देश की राजधानी सेवाग्राम थी। {{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[महाराष्ट्र]]
{ कौन-सा [[लोक नृत्य]] "ग़रीबों की कथकली" के नाम से जाना जाता है?
|type="()"}
- चाक्यारकुंतु
+ ओट्टनतुल्लन
- कुडियाट्टम
- मोहिनीअट्टम
{ [[लोक नृत्य]] और राज्यों के युग्मों में कौन-सा एक सुमेलित नहीं है?
|type="()"}
- कोरकू- [[महाराष्ट्र]]
+ झूमर-[[हरियाणा]]
- थाली-[[हिमाचल प्रदेश]]
- मुकना-[[मणिपुर]]
{ "ताण्डव नृत्य" किस [[रस]] से संबंधित है?
|type="()"}
- श्रृंगार रस से
- वात्सल्य रस से
+ वीर और रौद्र रस से
- इनमें से कोई नहीं
{ "बंबू नृत्य" निम्नलिखित में से किसका आदिवासी [[नृत्य कला|नृत्य]] है?
|type="()"}
+ कुकी एवं नागाओं का
- मुरियाओं का
- गोंडों का
- भूमियाओं का
{ 'तीजनबाई' किस [[लोक नृत्य]] गायन से संबंधित हैं?
|type="()"}
+ पंडवाणी
- यक्षगान
- चेरोकान
- पनिहारी
{ [[लोक नृत्य]] करने वाले को क्या कहते हैं?
|type="()"}
- लौकिक
- लोगों के साथ नाचना
+ लोक नर्तक
- लोक नायक
{ निम्नलिखित में से युद्ध संबंधी [[नृत्य कला|नृत्य]] कौन-सा है?
|type="()"}
- [[कथकली]]
+ [[मेघालय]] का बम्बू नृत्य
- मयूरभंज का छाओ
- [[पंजाब]] का [[भांगड़ा नृत्य]]
{ इनमें से कौन-सा भारतीय [[लोक नृत्य]] नहीं है?
|type="()"}
- [[घूमर नृत्य]]
+ [[कथकली]]
- गरबा
- डांडिया
||[[चित्र:Kathakali-Dance.jpg|80px|right|कथकली नृत्य]] [[शास्त्रीय नृत्य]] कथकली का सबसे अधिक प्रभावशाली भाग यह है कि, इसके चरित्र कभी बोलते नहीं हैं, केवल उनके हाथों के हाव-भाव की उच्‍च विकसित भाषा तथा चेहरे की अभिव्‍यक्ति होती है, जो इस नाटिका के पाठ्य को दर्शकों के सामने प्रदर्शित करती है। उनके चेहरे के छोटे और बड़े हाव-भाव, भंवों की गति, नेत्रों का संचलन, गालों, नाक और ठोड़ी की अभिव्‍यक्ति पर बारीकी से काम किया जाता है।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[कथकली]]
{ निम्नलिखित में से सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र कौन-सा है?
|type="()"}
- [[सितार]]
- [[तबला]]
- सरोद
+ वीणा
{ निम्नलिखित में से कौन-सा वाद्ययंत्र बिना तार का है?
|type="()"}
- गिटार
- सितार
+ ट्रम्पेट
- वायलिन
{ [[अमीर ख़ुसरो]] का नाम किस वाद्ययंत्र के आविष्कार से जुड़ा हुआ है?
|type="()"}
+ [[सितार]]
- [[तबला]]
- शहनाई
- सरोद
||[[चित्र:Sitar.jpg|80px|सितार|right]]सितार परंपरिक वाद्य होने के साथ ही सबसे अधिक लोकप्रिय है, और सितार ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसने पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम लोकप्रिय किया। सितार बहुआयामी साज होने के साथ ही एक ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसके ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता हैं।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[सितार]]
{ [[मुग़ल]] सम्राट [[अकबर]] किस वाद्ययंत्र को बहुत ही कुशलता से बजाता था?
|type="()"}
- वीणा
- पखावज
- सितार
+ नक्कारा
{ उस्ताद [[बिस्मिल्ला ख़ाँ]] किस वाद्ययंत्र को बजाते थे?
|type="()"}
- [[बाँसुरी]]
- [[तबला]]
+ शहनाई
- सरोद
{ अमजद अली ख़ान किस वाद्ययंत्र से सम्बद्ध हैं?
|type="()"}
- तबला
+ सरोद
- [[सितार]]
- वायलिन
{ विलायत ख़ान किस वाद्ययंत्र से सम्बन्ध रखते हैं?
|type="()"}
- सरोद
+ सितार
- शहनाई
- वीणा
||[[चित्र:Sitar.jpg|80px|सितार|right]]सितार परंपरिक वाद्य होने के साथ ही सबसे अधिक लोकप्रिय है, और सितार ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसने पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम लोकप्रिय किया। सितार बहुआयामी साज होने के साथ ही एक ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसके ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता हैं।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[सितार]]
{ नीरू स्वामी पिल्लई किस वाद्ययंत्र से सम्बन्धित हैं?
|type="()"}
- वायलिन से
- वीणा से
+ नादस्वरम् से
- [[तबला]] से
{ 'एस. बालचन्द्रन' किस वाद्ययंत्र से सम्बन्धित हैं?
|type="()"}
- [[सितार]] से
- संतूर से
+ वीणा से
- सारंगी से
{ 'हरिप्रसाद चौरसिया' ने किस क्षेत्र में प्रसिद्धि अर्जित की है?
|type="()"}
- गिराट वादन
- पखावज वादन
+ [[बाँसुरी]] वादन
- मृदंग वादन
||[[चित्र:Bansuri.jpg|80px|right|बाँसुरी]] बाँसुरी की बजाने की तकनीक कलाएं समृद्ध ही नहीं, उस की किस्में भी विविधतापूर्ण हैं, जैसे मोटी लम्बी बांसुरी, पतली नाटी बांसुरी, सात छेदों वाली बांसुरी और ग्यारह छेदों वाली बांसुरी आदि देखने को मिलते हैं और उस की बजाने की शैली भी भिन्न रूपों में पायी जाती है। बाँसुरी, वंसी, वेणु, वंशिका आदि कई सुंदर नामो से सुसज्जित है।{{point}}विस्तार से पढ़ें:-[[बाँसुरी]]
</quiz>
|}
|}
{{विज्ञान सामान्य ज्ञान}}
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
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14:17, 9 अप्रैल 2011 का अवतरण