"प्रेमचंद के अनमोल वचन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| width="98%" class="bharattable-purple" |- ! width="98%"| प्रेमचंद के अनमोल वचन |- | [[चि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
|  
|  
[[चित्र:Premchand.jpg|link=प्रेमचंद|right|100px]]
[[चित्र:Premchand.jpg|link=प्रेमचंद|right|100px]]
*कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।
*दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।  
*दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।  
*अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है।  
*अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
*कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।    <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
|}
|}



08:56, 14 अप्रैल 2011 का अवतरण

प्रेमचंद के अनमोल वचन
  • कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।
  • दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।
  • अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। [1]



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूक्तियाँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 14 अप्रॅल, 2011