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|हिन्दी=किसी नगर या दुर्ग या विशाल भवन का बाहरी फाटक, प्रमुख द्वार, बन्दनवार, ऐसी वास्तु-रचना जिसका ऊपरी भाग अर्धगोलाकार और बेलबूटेवाला हो, मेहराब, उक्त फाटक के आकार-प्रकार की कोई अस्थायी रचना जो प्रायः शोभा सजावट आदि के लिए की जाती है, वे मालाएँ आदि जो सजावट के लिए खंभों और दीवारों आदि में बाँधकर लटकाई जाती है। | |हिन्दी=किसी नगर या दुर्ग या विशाल भवन का बाहरी फाटक, प्रमुख द्वार, बन्दनवार, ऐसी वास्तु-रचना जिसका ऊपरी भाग अर्धगोलाकार और बेलबूटेवाला हो, मेहराब, उक्त फाटक के आकार-प्रकार की कोई अस्थायी रचना जो प्रायः शोभा सजावट आदि के लिए की जाती है, वे मालाएँ आदि जो सजावट के लिए खंभों और दीवारों आदि में बाँधकर लटकाई जाती है। | ||
|व्याकरण=पुल्लिंग | |व्याकरण=पुल्लिंग | ||
|उदाहरण=[[दीपावली]] के त्योहार पर हर घर में | |उदाहरण=[[दीपावली]] के त्योहार पर हर घर में दरवाज़ों पर '''तोरण''' (बन्दनवार) लगाई जाती है। | ||
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|पर्यायवाची= | |पर्यायवाची=झंडी, वंदन माला, नांदीक, स्वागत द्वार। | ||
|संस्कृत=तुर्+ल्युट् | |संस्कृत=तुर्+ल्युट् | ||
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12:31, 16 अप्रैल 2011 का अवतरण
हिन्दी | किसी नगर या दुर्ग या विशाल भवन का बाहरी फाटक, प्रमुख द्वार, बन्दनवार, ऐसी वास्तु-रचना जिसका ऊपरी भाग अर्धगोलाकार और बेलबूटेवाला हो, मेहराब, उक्त फाटक के आकार-प्रकार की कोई अस्थायी रचना जो प्रायः शोभा सजावट आदि के लिए की जाती है, वे मालाएँ आदि जो सजावट के लिए खंभों और दीवारों आदि में बाँधकर लटकाई जाती है। |
-व्याकरण | पुल्लिंग |
-उदाहरण | दीपावली के त्योहार पर हर घर में दरवाज़ों पर तोरण (बन्दनवार) लगाई जाती है। |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | झंडी, वंदन माला, नांदीक, स्वागत द्वार। |
संस्कृत | तुर्+ल्युट् |
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