"रंतिदेव": अवतरणों में अंतर
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*रंतिदेव राजा संकृति के पुत्र सांकृत्य गोत्रीय, भरत वंशीय सम्राट् है जिनकी विस्तृत कथा [[श्रीमद्भागवत]] में मिलती है।[[महाभारत]], [[शांतिपर्व महाभारत|शांतिपर्व]], 29/113 | *रंतिदेव राजा संकृति के पुत्र सांकृत्य गोत्रीय, भरत वंशीय सम्राट् है जिनकी विस्तृत कथा [[श्रीमद्भागवत]] में मिलती है।<ref>[[महाभारत]], [[शांतिपर्व महाभारत|शांतिपर्व]], 29/113</ref> | ||
*ये परम धार्मिक, यज्ञकर्ता, दानवीर के रूप में प्रसिद्ध हैं। | *ये परम धार्मिक, यज्ञकर्ता, दानवीर के रूप में प्रसिद्ध हैं। | ||
*कहते हैं, इन्होंने इतने [[यज्ञ]] किए हैं कि इनके यज्ञीय पशुओं की रक्तधारा से एक नदी चर्मण्यवती बन गई जो [[चंबल]] से अभिन्न मानी जाती है। | *कहते हैं, इन्होंने इतने [[यज्ञ]] किए हैं कि इनके यज्ञीय पशुओं की रक्तधारा से एक नदी चर्मण्यवती बन गई जो [[चंबल]] से अभिन्न मानी जाती है। |
06:27, 20 अप्रैल 2011 का अवतरण
- रंतिदेव राजा संकृति के पुत्र सांकृत्य गोत्रीय, भरत वंशीय सम्राट् है जिनकी विस्तृत कथा श्रीमद्भागवत में मिलती है।[1]
- ये परम धार्मिक, यज्ञकर्ता, दानवीर के रूप में प्रसिद्ध हैं।
- कहते हैं, इन्होंने इतने यज्ञ किए हैं कि इनके यज्ञीय पशुओं की रक्तधारा से एक नदी चर्मण्यवती बन गई जो चंबल से अभिन्न मानी जाती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- विश्व कोश (खण्ड 10) पेज न. 17, रामज्ञा द्विवेदी