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12:42, 23 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • मत्स्येन्द्रनाथ हठयोग के विशिष्ट पुरस्कर्ता आचार्य (मच्छरनाथ) थे।
  • ये नाथ सम्प्रदाय के प्रथम आचार्य आदिनाथ के शिष्य थे।
  • इतिहासवेत्ता आदिनाथ का समय विक्रम की आठवीं शताब्दी मानते हैं तथा गोरक्षनाथ दसवीं शताब्दी के पूर्व उत्पन्न कहे जाते हैं।
  • इसलिए आदिनाथ के शिष्य एवं गोरक्षनाथ के गुरु मत्स्येन्द्रनाथ की स्थिति आठवीं शताब्दी (विक्रम) का अन्त या नवीं शताब्दी का प्रारम्भ माना जा सकता है।
  • नेपाल के लोग अधिकांशत: मत्स्येन्द्रनाथ तथा गोरक्षनाथ के भक्त हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

पाण्डेय, डॉ. राजबली हिंदू धर्मकोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 488।